राहुल गांधी ने विदेश में पहली बार पीएम मोदी की नीतियों की तारीफ की
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय अपने ब्रिटेन दौरे पर हैं। कल यहां कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में उन्होंने अपना संबोधन दिया। जिसमें उन्होंने कई घटनाओं का जिक्र किया इसमें कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा, देश के मौजूदा हालात, भारत सरकार की नीतियों पर खुलकर बातचीत की। यहां पर भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की तारीफ भी की।
कश्मीर में उग्रवादियों ने मुझे घूरा
कैंब्रिज के बिजनेस स्कूल में संबोधन देते हुए उन्होंने कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब मेरी यह यात्रा कश्मीर में गई तो वहां पर मैंने अद्भुत नजारे देखे, वहां पर लाखों की तादाद में जिनमें बड़ी संख्या में युवा भी शामिल थे, अपने हाथों में तिरंगा लिए लहरा रहे थे और यात्रा का स्वागत कर रहे थे। जिसे देखकर मैं खुद गदगद हो गया लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब मैं आतंकवाद से संवेदनशील इलाके में पहुंचा। हालांकि मेरी सुरक्षा को लेकर सारे पुख्ता इंतजाम थे।
मैं वहां पर गया है तो मैंने देखा कि कुछ उग्रवादी लड़के मुझे घूरते हुए देख रहे हैं, उन्होंने मुझे घूरा तो मैंने भी उन्हें देखा लेकिन उन्होंने कुछ किया नहीं तो हमने भी कुछ नहीं कहा और हम उन्हें देखते हुए आगे बढ़ गए। राहुल गांधी ने कहा कि यही तो महात्मा गांधी के सिखाई गई अहिंसा की ताकत है जिनके दम पर आज उग्रवादी भी चुप हैं।
पीएम मोदी की इन नीतियों की तारीफ की
राहुल गांधी ने यहां एक बेहद दिलचस्प बात भी कही। दरअसल उन्होंने एक तरफ केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की तो दूसरी तरफ कुछ नीतियों की प्रशंसा भी की। दरअसल यहां राहुल गांधी ने भारत सरकार के उज्जवला योजना और हर घर में शौचालय खुलवाने के कदम को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि गरीब महिलाओं जो सालों से चूल्हे के धुएं में अपनी जिंदगी गुजार रही थीं, उन्हें एलपीजी गैस सिलेंडर दिलवाना, हर घर में शौचालय देकर उनके आत्मसम्मान की रक्षा करना और साथ ही बैंक में खाता खुलवाना बेहद सराहनीय कदम है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां कुछ ऐसी हैं, जिससे भारत की बनावट बर्बाद हो रही है। वह अपनी विचारधारा को पूरे भारत में थोपने का काम कर रहे हैं, जिससे एक लोकतांत्रिक देश कतई स्वीकार नहीं कर सकता।
एक ही धर्म से चला रहे पूरा देश
राहुल गांधी ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। वह संघों का देश है, यहां पर धार्मिक विविधता है ऐसे में सिर्फ एक ही धर्म को केंद्र मानकर पूरे देश को चलाना कहां तक सही है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो दूसरे धर्मों के लोगों को देश का नागरिक समझते ही नहीं है। राहुल गांधी ने यहां भारत और अमेरिका की तुलना करते हुए कहा कि इन दोनों बड़े लोकतांत्रिक देशों में मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में बड़ी गिरावट आई है जिससे बड़े पैमाने पर असमानता आ गई है इसलिए इस पर संवाद की बेहद जरूरत है क्योंकि संवाद से ही हर मुश्किल का समाधान निकाला जा सकता है।