राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दे रही थीं भाषण और बीच में ही गुल हो गई बिजली
भुवनेश्वर। ओडिशा के मयूरभंज में शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के दौरान बिजली गुल हो गई। यह घटना न केवल राज्य सरकार के लिए शर्मिंदगी की वजह बनी, बल्कि इसने सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए। शनिवार को राष्ट्रपति मुर्मू बारीपोडा में स्थिति महाराजा श्रीराम चंद्र भंजदेव विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित कर रही थीं। लाइट जाने की घटना उस वक्त हुई, जब राष्ट्रपति यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में मौजूद थीं। मुर्मू से पहले राज्यपाल गणेशी लाल अपना भाषण खत्म कर चुके थे ।
रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण के दौरान करीब 9 मिनट तक बिजली गुल रही। अंधेरे के चलते राष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड्स नजर नहीं आ रहे थे। उनके एडीसी और सपोर्ट स्टाफ भी मौके पर मौजूद नहीं था। लाइट जाने के बाद भी राष्ट्रपति मुर्मू ने अपना भाषण नहीं रोका। वह पोडियम में लगी लाइट की मदद से स्पीच पढ़ती रहीं। इस दौरान अंधेरे में अपनी कुर्सियों पर बैठे छात्र और अन्य लोग उनका संबोधन सुनते रहे। बताया जा रहा है कि शनिवार दोपहर 11:56 से 12:05 बजे के बीच बिजली गुल रही।
प्रेसीडेंट मुर्मू ने कहा… बिजली हमारे साथ लुका-छिपी खेल रही
भाषण के दौरान लाइट जाने को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि बिजली हमारे साथ लुका-छिपी खेल रही है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘ऐसा लग रहा है आज के इस कार्यक्रम को देखकर बिजली को भी हमसे ईर्ष्या होने लगी है। हम अंधकार में बैठे हैं, लेकिन हम अंधकार और प्रकाश दोनों को समान रूप से लेंगे।’
राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों को संबोधित कहते हुए कहा कि सभी कॉम्पिटीशन में जीतने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आपको बेहतर कौशल और अधिक दक्षता की तरफ बढ़ना होगा। आप अपनी शक्तियों से नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं। मालूम हो कि राष्ट्रपति मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर की रहने वाली है। लोग उन्हें यहां की माटी की बेटी बुलाते हैं।
वाइस चांसलर ने मांगी माफी
बिजली गुल होने की घटना को लेकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर संतोष कुमार त्रिपाठी का बयान आया है। उन्होंने इसके लिए माफी मांगी है। त्रिपाठी ने कहा कि मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए खुद को दोषी मानता हूं। हम इसके लिए शर्मिंदा हैं। हम निश्चित रूप से घटना की जांच करेंगे। इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। राज्य के स्वामित्व वाली औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड ने आयोजन को लेकर जनरेटर की आपूर्ति की थी। हम उनसे भी बात करेंगे।
टाटा पावर ने कहा- यूनिवर्सिटी की आंतरिक समस्या
इस संबंध में जब टाटा पावर नॉर्थ ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भास्कर सरकार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बिजली जाना विश्वविद्यालय का आंतरिक मामला है। टाटा पावर का इससे कोई लेना-देना नहीं है। ऑडिटोरियम के इंटर्नल सर्किट में फॉल्ट की वजह से बिजली गयी थी। गौरतलब है कि यहां बिजली आपूर्ति का जिम्मा टाटा पावर नॉर्थ ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के पास है।
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