पौष माह शुरू होते ही बदली ठाकुरजी की दिनचर्या... पहनाए गर्म कपड़े, सर्दी से बचाव को अंगीठी-हीटर भी रखे
Paush month : जयपुर। सर्वार्थ सिद्धि योग में आज से भगवान सूर्यनारायण की आराधना का महीना पौष शुरू हो गया है। इसके साथ ही ठाकुर जी की दिनचर्या भी बदल गई है। इस दौरान मंदिरों में भगवान को गर्म वस्त्र पहनाए गए। भोग में गर्म तासीर के व्यंजन शामिल किए गए हैं।
पौष महीने में पड़ने वाली सर्दी को देखते हुए ठाकुर जी को पौष के पूरे महीने में गर्मा-गर्म खिचड़ा, हलवा, दाल के बड़ों, शक्कर, गुड़, केसरिया दूध का भोग लगाया जाएगा। घरों में भी भक्त अपने आराध्य को गर्मा-गर्म हलवे, खिचड़ी और दाल के बड़ों का भोग लगाएंगे। वहीं, शहर में प्रमुख मंदिरों सहित कई जगहों पर पौष बड़ों का बड़ा आयोजन होगा। मंदिरों में भी भक्तों को अन्नकुट महोत्सव की तरह दौना प्रसादी की जाएगी।
ठाकुरजी के लिए रखे अंगीठी-हीटर
पौष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा बुधवार को पौष माह का पहला दिन शुरू हो गया है। प्राचीन गोपीनाथजी मंदिर और रामचंद्रजी मंदिर में ठाकुरजी को दाल के बड़ों, हलवा और पौष खीचड़ा का भोग लगाया गया। वहीं, कड़ाके की सर्दी पड़ने के कारण मंदिरों में ठाकुरजी को अंगीठी-हीटर से तपाया जा रहा है। रजाई से बनी पोशाक पहनाई गई है।
पहले पखवाड़े में सभी मंदिरों में मेवा मिश्रित खीचड़े का भोग लगेगा। खीचड़े में सभी प्रकार के मोटे अनाजों का उपयोग होगा। दूसरे पखवाड़े में सूजी के हलवे के साथ चोले की दाल के गर्मागर्म बड़ों का भोग लगेगा। सरस निकुंज में भी ठाकुर जी को गर्मव्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।
सरस निकुंज में होंगे विशेष आयोजन
पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में पौष माह में अनंत श्री विभूषित सतगुरु श्री रसिक माधुरी शरण जी महाराज का 125 वीं जन्म जयंती महोत्सव मनाया जाएगा। सरस निकुंज के प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि महोत्सव का आयोजन 19 से शुरू होकर 31 तक किया जाएगा। बुधवार को बधाई गान और सम्पूर्ण रात्रि गुरु महिमा का गायन किया जाएगा। नए साल से राम कथा बरसाना धाम अजमेर रोड पर होगी। वृंदावन से आई विशेष मंडली द्वारा 29, 30 और 31 दिसंबर को विशेष रासलीला का आयोजन किया जाएगा।
नहीं होंगे मांगलिक कार्य
मलमास के कारण 14 जनवरी तक मांगलिक और शुभ कार्य नहीं होंगे। सिर्फ भगवान की पूजा अर्चना ही होगी। इस माह भागवत व राम कथा सहित विभिन्न धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी। मान्यता है कि पौष माह में कथा श्रवण करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संक्रांति तक शहर में 15 से अधिक स्थानों पर भागवत कथा, रामकथा, नानीबाई बाई का मायरा के आयोजन जमकर होंगे
यहां होता है लक्खी पौष बड़ों का आयोजन
कदम डूंगरी, बंगाली बाबा आश्रम, घाट के बालाजी, डबल शंकर महादेव मंदिर और पतासी वालों की बगीची में हर साल लक्खी पौष बड़ों का आयोजन होता आया है। यहां एक लाख से अधिक लोग प्रसादी जीमते हैं। इसके अलावा खंडेलवाल समाज, अग्रवाल समाज, ब्राह्मण समाज, माहेश्वरी समाज, सिंधी समाज सहित सभी समाजों की ओर से भी पौष बड़ों के भव्य आयोजन होते हैं।
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