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मालिक के प्रति भी वफादार नहीं तोता, पूरे विश्व में पाई जाती है 399 जातियां

11:25 AM May 31, 2023 IST | Supriya Sarkaar
Parrot is not loyal even to its owner, 399 species are found all over the world

आपने अक्सर अपने आस-पास कई पक्षियों को उड़ते देखा होगा। पक्षियों को आसमान की ऊंचाई छूते देख हर किसी का मन खुश हो जाता है। ये पक्षी ही हैं जो पूरे गगन को अपना समझकर पंख फैलाकर उड़ जाते हैं। यह हमें जीवन में ऊंचाइयों को छूना सिखाते हैं। कई लोगों को पक्षी पालने का शौक होता है। पालतू पक्षियों में सबसे पहला नाम तोते का आता है। यह सुंदर और आकर्षक पक्षी है। यह मनुष्यों की आवाज की नकल बखूबी कर लेता है।

मालिक की नकल करने में यह बेहद रुचि रखता है। अन्य पक्षियों की तुलना में यह अत्यधिक लोकप्रिय है। इसके बारे में कहावत प्रचलित है कि यह अपने पालने वाले मालिक के प्रति भी वफादार नहीं है। फिर चाहे मालिक ने इसे काफी दिनों तक पाला हो। इसलिए इसे बेवफा पक्षी के रूप में जाना जाता है। एक बार पिंजरे से भागने के बाद यह वापस नहीं आता है। 

तोते की 399 जातियां

पूरे विश्व में तोते की लगभग 399 जातियां और 92 वंश है। इसका वैज्ञानिक नाम सिटासिफोर्मीस है। इसकी सभी जातियों को सिटाकोईडेआ, कैकाटुओइडेआ और स्ट्रिगोपोइडेआ नामक तीन अधिकुलों में विभाजित किया गया है। इसकी मादा और नर प्रजाति को पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इनकी चोंच, पंख और खड़े होने व उड़ने की मुद्रा एक जैसी होती है। इनकी चोंच शक्तिशाली और घुमावदार होती है।

इनके रंग-बिरंगे पंख बेहद आकर्षक होते हैं। यह पक्षी झुंड में रहना पसंद करते हैं। बाकी पक्षियों की तुलना में इनकी उड़ान नीची और लहरदार होती है। लेकिन इनके उड़ने की गति तेज होती है। भोजन के रूप में ये फलों और हरी सब्जियों का सेवन करते हैं। खासकर इन्हें हरी मिर्च खाना पसंद है। इनकी अनोखी बात यह है कि यह मनुष्य की आवाज की हूबहू नकल कर लेते हैं। इनकी आवाज तेज और तीखी होती है। 

निवास स्थान 

यह पक्षी सभी महाद्वीपों पर पाया जाता है। मुख्य रूप से यह ऊष्णकटिबन्धीय तथा  उपोष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में निवास करते हैं। इनकी सबसे अधिक संख्या दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में है। वर्तमान में तोते की लगभग एक-तिहाई जातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। अफ्रीका का स्लेटी तोता इंसानो की नकल करने में सबसे अधिक प्रसिद्ध है। मादा तोता एक बार में 1 से 12 अंडे देती है। यह पेड़ के कोटर या तनों में सुराख काटकर प्रजनन करती है। सिलीबीज द्वीप से लेकर सालोमन द्वीप पर एक विशेष तोता पाया जाता है, जिसका नाम गुलाबी-माला है। इस प्रजाति के हरे रंग का तोता अफ्रीका में गैंबिया के मुहाने से लेकर, लाल सागर, भारत, म्यांमार और टेनासरिम में पाया जाता है। 

पहला पालतू पक्षी

यह पालतू पक्षी है, लोग इसे अपने घरों में रखना पसंद करते हैं। कहा जाता है कि मानव ने सबसे पहले इसी पक्षी को पालतू बनाया। आज भी लोग शौक से इसे पिंजरों में रखते हैं। यह घर में चहल-पहल बनाए रखता है। इसे सुग्गा, सुआ, शुक तथा कीर भी कहते हैं। दक्षिण-पश्चिम भारत के लोग इसे पोपट भी कहते हैं। हालांकि इस शब्द का उल्लेख हिंदी भाषा के किसी साहित्य में नहीं है।  

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