पेपर लीक मामला : किरोड़ी मीणा का धरना 9वें दिन भी जारी, बोले-अब हम आर-पार की लड़ाई को तैयार
जयपुर। पेपर लीक मामले को लेकर राज्य सभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा का धरना 9वें दिन भी जारी है। किरोड़ीलाल को भाजपा नेताओं समेत अपार जनसमर्थन मिल रहा है। राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को कहा कि हमें सभी का साथ मिल रहा है। अब आर-पार की लड़ाई को हम तैयार है। बुधवार को भरतपुर सासंद रजीता कोली, भाजपा नेता नारायण मीणा, पूर्व मंत्री रामकिशोर सैनी, बीजेपी के सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा सहित सहित कई पार्षद और सरंपच धरना स्थल पर पहुंचे।
किरोड़ी मीणा जयपुर-बस्सी-आगरा नेशनल हाईवे पर चंद्र महल गार्डन के बाहर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए है। गहलोत सरकार द्वारा असफल परीक्षा आयोजन के खिलाफ चल रहे आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए सुबह मुस्लिम-नागौरी समाज के प्रदेशाध्यक्ष हाजी बाबू खाँ जी और विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय सचिव नरेन्द्र राजपुरोहित सैंकड़ों लोगों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और किरोड़ी मीणा को समर्थन दिया।
बता दें कि अब तक पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी, सासंद रामचरण बोहरा, अशोक परनामी, भाजपा नेता नारायण मीणा, पूर्व मंत्री कन्हैयालाल मीणा, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी धरना स्थल पहुंचकर किरोड़ी का समर्थन कर चुके है।
सरकार ने दो दौर की वार्ता की, लेकिन दोनों विफल हुईं
गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को किरोड़ी मीणा ने हजारों युवाओं के साथ दौसा से जयपुर के लिए कूच किया था, लेकिन पुलिस ने घाट की गुणी के पास ही इन्हें रोक दिया था। इसके बाद किरोड़ी धरने पर बैठे गए। मीणा से वार्ता कर धरना समाप्त कराने के लिए सरकार ने दो दौर की वार्ता की, लेकिन दोनों विफल हुईं। पहली बार पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और दूसरी बार गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव के साथ वार्ता हुई, लेकिन दोनों से कोई निष्कर्ष नहीं निकला। ऐसे में मीणा मांग मनवाने के लिए 8 दिन से जयपुर-बस्सी-आगरा नेशनल हाईवे पर चंद्र महल गार्डन के बाहर धरने पर बैठे हुए है।
ये हैं किरोड़ी मीणा की प्रमुख मांग
- रीट, कॉन्स्टेबल, RAS समेत 16 भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक हुए हैं, जिनसे 50 लाख से ज्यादा युवाओं का भविष्य असमंजस की स्थिति में आ गया है। ऐसे में इन सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच करवाई जाए।
- राजस्थान में सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के युवाओं को तरजीह मिल रही है। इसकी वजह से ही प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को ही 90 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाए।
- 28000 सीएचए संविदा कर्मियों को फिर से नौकरी पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही सभी सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे लाखों पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
- राजस्थान में भर्ती परीक्षा के दौरान दूसरे राज्यों की फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे रोकने केलिए प्रभावी रणनीति के तहत कार्रवाई की जाए।