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हूती विद्रोहियों का आतंक, लाल सागर में एक और जहाज पर ड्रोन अटैक, 25 भारतीय सुरक्षित

ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने रविवार सुबह लाल सागर में एक और तेल ले जा रहे जहाज को निशाना बनाया। बताया गया है कि इस जहाज पर भारत के 25 क्रू सदस्य सवार थे, जो कि पूरी तरह सुरक्षित हैं। पहले दावा किया जा रहा था कि इस तेल टैंकर पर भारत का झंडा लगा था।
08:20 AM Dec 25, 2023 IST | BHUP SINGH
हूती विद्रोहियों का आतंक  लाल सागर में एक और जहाज पर ड्रोन अटैक  25 भारतीय सुरक्षित

नई दिल्ली। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने रविवार सुबह लाल सागर में एक और तेल ले जा रहे जहाज को निशाना बनाया। बताया गया है कि इस जहाज पर भारत के 25 क्रू सदस्य सवार थे, जो कि पूरी तरह सुरक्षित हैं। पहले दावा किया जा रहा था कि इस तेल टैंकर पर भारत का झंडा लगा था। हालांकि, भारतीय नौसेना ने इस बात से इनकार किया है। जहाज पर ड्रोन से हमला किया गया, जिसके बाद इससे क्षेत्र में ही मौजूद एक अमेरिकी युद्धपोत को खतरे का सिग्नल भेजा गया।

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अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के दावे को नकारते हुए भारतीय नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि एमवी साईबाबा एक गैबॉन के झंडे वाला टैंकर है। हालांकि, इसे सर्टिफिकेशन भारत के रजिस्टर ऑफ शिपिंग से मिला है। दुनियाभर के पोत अलग-अलग देशों से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं।

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हमले की जांच शुरू

भारतीय नौसेना ने अरब सागर में भारत के पश्चिमी तट के पास मंगलूर बंदरगाह जाने वाले एक मालवाहक जहाज पर संदिग्ध ड्रोन हमले की जांच शुरू कर दी है। नौसेना ने ड्रोन हमले के स्थान पर ‘स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक’ आईएनएस मोरमुगाओ को भेजा। तटरक्षक डोर्नियर विमान ने क्षेत्र का निरीक्षण कर और केम प्लूटो के साथ संचार स्थापित कर लिया है। भारतीय तट रक्षक ने कहा कि वाणिज्यिक पोत ‘केम प्लूटो’ ने अपनी बिजली उत्पादन प्रणालियों पर क्षति का आकलन और मरम्मत करने के लिए मुंबई तट की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।

‘आईएनएस इंफाल’ कल नौसेना में होगा शामिल

सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस स्वदेश निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इंफाल’ को मंगलवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। इससे हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री क्षमता मजबूत होगी। यह पहला युद्धपोत है जिसका नाम पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी शहर के नाम पर रखा गया है। राष्ट्रपति ने अप्रैल 2019 में इसकी मंजूरी दी थी। युद्धपोत को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मुंबई स्थित नौसेना की गोदी (डॉकयार्ड) में आयोजित एक समारोह में शस्त्र बल में शामिल किया जाएगा।

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