Odisha Train Accident : जीवित बचे लोगों ने बयां किया ‘दर्दनाक’ मंजर, तेज आवाज के साथ सीटों से गिरे… बत्ती गुल और अफरा-तफरी
Odisha Train Accident : ओडिशा के बालासोर में हुई तीन ट्रेनों की टक्कर के बाद का मौके पर मंजर बहुत भयावह है। हर तरफ अपनों की खोज और घायलों के इलाज लिए चीखपुकार मची थी।हादसे में जीवित बचे यात्रियों ने यह बात बयां की। दक्षिण भारत में कई महीने काम करने के बाद अपने परिवार के पास लौट रहे 12864 बेंगलुरु- हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवार कई यात्रियों का कहना था कि अचानक तेज आवाज सुनी, जिसके बाद वे अपनी सीट से गिर पड़े और बत्ती गुल हो गई। चारों ओर अफरातफरी मच गई। पश्चिम बंगाल बर्धमान के रहने वाले मिजान उल हक ट्रेन के पिछले हिस्से के एक डिब्बे में थे।
पास के खेतों में अंधेरे में बैठे रहे
यात्री हक ने हावड़ा स्टेशन पर कहा, कई लोग बुरी तरह क्षतिग्रस्त डिब्बे के पास पड़े हुए थे। कोलकाता आ रही बेंगलुरु की निवासी रेखा ने कहा कि वह पटरी से उतरे डिब्बों के आगे वाले डिब्बे में सवार थीं। चारों ओर अफरातफरी थी। हम डर के मारे अपने डिब्बे से उतर गए और पास के खेतों में अंधेरे में बैठे रहे, जब तक कि तड़के हमारी ट्न हाव रे ड़ा के लिए रवाना नहीं हो गई। मुर्शिदाबाद के रहने वाले इम्ताजुल खान ने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने कई लोगों को मरते हुए देखा।
वॉशरूम से निकलते ही ट्रेन का संतुलन बिगड़ा
ट्रेन में सफर करने वाली वंदना खटेड़ ने बताया कि मैं कोरामंडल से लौट रही थी। ट्रेन के वाशरूम से बाहर निकली तो देखा कि ट्रेन पूरी टेढ़ी हो गई। संतुलन बिगड़ने से मैं खुद को संभाल नहीं पा रही थी। सब सामान इधर-उधर हो गया था। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरे पड़े थे। कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है। हालांकि, इस हादसे में मेरी जान बच गई और जैसे-तैसे ट्रेन से बाहर निकली तो दर्दनाक मंजर देख होश उड़ गए। हर तरफ चीख पुकार मच रही थी। रात के अंधेरे में मदद करने वाला भी कोई नहीं था। हादसे के करीब एक घंटे बाद राहत व बचाव कार्य शुरू हुआ।
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