अब डॉक्टर्स से झगड़ा किया तो बढ़ सकती है मरीजों की टेंशन, जानिए-NMC के नए नियम
नई दिल्ली। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने अपने नए नियमों में कहा है कि चिकित्सक और उनके परिवार के सदस्य दवा कंपनियों या उनके प्रतिनिधियों, वाणिज्यिक स्वास्थ्य देखभाल करने वाले प्रतिष्ठानों और चिकित्सा उपकरण कंपनियों से किसी भी रूप में कोई उपहार या अन्य सुविधाएं नहीं लेंगे। इसके साथ ही रोगियों या उनके रिश्तेदारों द्वारा हिंसा के मामले में डॉक्टर ऐसे मरीजों का इलाज करने से भी इनकार कर सकते हैं।
नए नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के मेडिकल एथिक्स कोड 2002 की जगह लेंगे। यह पहली बार है जब डॉक्टरों को अनियंत्रित और हिंसक मरीजों का इलाज करने से इनकार करने का अधिकार होगा। इस कदम का उद्देश्य डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को हतोत्साहित करना है। नए नियमों में चिकित्सकों को किसी भी दवा ब्रांड, दवा और उपकरण का समर्थन करने या उनका विज्ञापन करने की भी मनाही है।
शराब या नशीले पदार्थों का इस्तेमाल कदाचार
एनएमसी ने कहा है कि ड्यूटी के दौरान या ड्यूटी के बाद शराब या अन्य नशीले पदार्थों का इस्तेमाल पेशेवर कार्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसा करने को कदाचार माना जाएगा। साथ ही, आपातकालीन शब्द को ‘जीवन बचाने की प्रक्रिया’ के रूप में परिभाषित किया गया है।
3 साल तक रखना होगा रिकॉर्ड
बिना किसी संस्थान से जुड़े चिकित्सिक को एनएमसी द्वारा निर्धारित मानक प्रारूप में उपचार के लिए रोगी के साथ अंतिम संपर्क की तारीख से तीन साल तक रोगियों (इनपेशेंट्स) के मेडिकल रिकॉर्ड को कायम रखना होगा।
मेडिकल रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराई जाए
नियमों में कहा गया है कि आपात चिकित्सा स्थिति के मामले में, मेडिकल रिकॉर्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए। रोगी की निजता की रक्षा के लिए इन विनियमों के प्रकाशन की तारीख से तीन साल के भीतर, चिकित्सक आईटी अधिनियम, डेटा संरक्षण और गोपनीयता कानूनों, या समय-समय पर अधिसूचित किसी भी अन्य लागू कानूनों, नियमों और विनियमों के प्रावधानों का पालन करते हुए पूरी तरह से डिजिटलीकृत रिकॉर्ड सुनिश्चित करेगा।
RMP लें विकास कार्यक्रमों में भाग
नियमों के अनुसार, पंजीकृत चिकित्सक (आरएमपी) हर साल नियमित रूप से निरंतर व्यावसायिक विकास कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए, हर पांच साल में कम से कम 30 क्रेडिट घंटे। केवल मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य संस्थान या ईएमआरबी/राज्य चिकित्सा परिषदों द्वारा मान्यता प्राप्त या अधिकृत मेडिकल सोसायटी ही इस उद्देश्य के लिए प्रशिक्षण और क्रेडिट घंटे की पेशकश कर सकते हैं। पंजीकृत चिकित्सक को अपने नाम के साथ के वल एनएमसी द्वारा मान्यता प्राप्त और मान्यता प्राप्त चिकित्सा डिग्री/डिप्लोमा प्रदर्शित करना होगा।
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