बहु मंजिला इमारतों के लिए पॉलिसी, बजट सत्र के बाद लागू होगी नई पेयजल कनेक्शन नीति
जयपुर। विधानसभा में सोमवार को प्रदेश की बहुमंजिला इमारतों के लिए पेयजल कनेक्शन की पॉलिसी का मामला उठाया गया। जवाब में राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में कहा गया कि बजट पारित होने के बाद नई बहुमंजिला इमारतों में पेयजल कनेक्शन पॉलिसी का अनुमोदन कर इसे शीघ्र लागू किया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी ने विधानसभा में कहा कि बजट 2023-24 में बहुमंजिला इमारतों में पेयजल कनेक्शन के लिए पॉलिसी की घोषणा की गई है।
जोशी ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि बहुमंजिला इमारत में मांग के अनुरूप एक ही कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान है। विभाग की ओर से प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों में जल कनेक्शन देने के संबंध में पूर्व में जारी नीतियों में आवश्यक संशोधन कर एक व्यापक एवं प्रभावी पॉलिसी तैयार की गई है, जिसका प्रारूप (ड्राफ्ट) अनुमोदन के लिए प्रक्रियाधीन है।
ई.डी.सी. वसूली का प्रावधान नहीं
इससे पहले मंत्री जोशी ने विधायक कल्पना देवी के प्रश्न के जवाब में कहा कि नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा बहुमंजिला इमारतों के भवन मानचित्र का अनुमोदन करते समय बाह्य विकास शुल्क (ई.डी.सी.) वसूल किए जाने का प्रावधान नहीं है।
लेकिन योजना अनुमोदन/एकल पट्टा जारी किए जाने के समय राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी-2010 (10 हैक्टेयर से अधिक के बिन्दु संख्या 8.00 (4) / 10 हैक्टेयर तक की योजनाओं के बिन्दु संख्या 10.00 (4) ) के अनुसार सैक्टर रोड, नाले का निर्माण, रोड लाइटिंग, वृक्षारोपण आदि कार्य योजना की परिधि में किए जाने के लिए संबंधित शहर की आबादी के अनुसार बाह्य विकास शुल्क (ई.डी.सी.) वसूल किए जाने का प्रावधान है।
उपादेयता के आधार पर कनेक्शन
जोशी ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र लाडपुरा के शहरी क्षेत्र की जिन कॉलोनियों में पेयजल वितरण तंत्र विद्यमान है। उनमें निर्मित बहुमंजिला इमारतों में पेयजल आपूर्ति के लिए तकनीकी उपादेयता के आधार पर जल कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में विभागीय वितरण प्रणाली नहीं है, उन क्षेत्रों में पेयजल वितरण तंत्र अमृत 2.0 योजना के तहत विकसित किया जाना प्रस्तावित है। लाडपुरा के शहरी क्षेत्रों, कोटा नगर निगम उत्तर व दक्षिण के लिए अमृत-2.0 योजना के तहत 175 करोड़ व 220 करोड़ की राशि का अनुमोदन किया जा चुका है।