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Nawalgarh Vidhansabha : इस सीट पर कभी नहीं खिला 'कमल', BJP ने खेला है निर्दलीय पर दांव

राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से एक ऐसी भी हैं, जहां बीजेपी अब तक जीत का खाता भी नहीं पाई है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बार चुनावी समीकरण बदलेंगे?
01:11 PM Oct 11, 2023 IST | Anil Prajapat
Nawalgarh Vidhansabha

Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों का फोकस हर एक सीट पर रहता है। लेकिन, राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से एक ऐसी भी हैं, जहां बीजेपी अब तक जीत का खाता भी नहीं पाई है। हम बात कर रहे है कि झुंझुनूं जिले की नवलगढ़ विधानसभा सीट की। जहां से बीजेपी कभी जीत नहीं पाई है। हालांकि, एक बार जरूर दूसरे नंबर रही थी। ऐसे में यह तो साफ है कि ये सीट कांग्रेस का गढ़ है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बार चुनावी समीकरण बदलेंगे?

नवलगढ़ विधानसभा से वर्तमान में कांग्रेस के राजकुमार शर्मा विधायक है। वैसे तो ये सीट कांग्रेस का गढ़ है। लेकिन, कई मौके ऐसे आए जब निर्दलियों ने कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी की है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर कांग्रेस के लिए परेशानी हो सकती है। वैसे तो इस सीट से बीजेपी कभी जीत नहीं पाई है। लेकिन, बीजेपी ने इस बार ऐसे चेहरे पर विश्वास जताया है।

जिसने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में नवलगढ़ से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था। उस वक्त 39259 वोट मिले थे। ऐसे में अब बीजेपी ने कभी निर्दलीय प्रत्याशी रहे विक्रम सिंह जाखल पर दांव आजमाया है। माना जा रहा है कि अगर इस बार कांग्रेस के राजकुमार मैदान में होते हैं तो बीजेपी जीत का खाता खोलने में कामयाब हो सकती है। वैसे ये सब तो यहां की जनता की जनता ही तय करेगी।

जिसने कभी नहीं लड़ा चुनाव….उनका रहा वर्चस्व

चौंकाने वाली बात ये है कि नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वैसे तो लंबे समय तक कांग्रेस के कद्दावर नेता शीशराम ओला का प्रभाव रहा है। लेकिन, उन्होंने यहां से कभी चुनाव नहीं लड़ा था। मौजूदा वक्त की बात करें तो इस सीट पर डॉ. राजकुमार शर्मा का वर्चस्व है।

जानें-कैसा है जातीय समीकरण और चुनावी मुद्दा?

शेखावाटी के नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटर्स 276361 है। जिनमें से पुरूष 144393 और महिलाएं 131968 है। यहां पर जाट समुदाय के लोग सबसे ज्यादा है। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ सैनी और एसटी वर्ग के वोटर्स की संख्या भी काफी है। वहीं, ब्राह्मण, गुर्जर और कुम्हार समाज के लोगों का भी इस क्षेत्र में काफी दबदबा है। इस क्षेत्र में कुंभाराम कैनाल से मीठे पानी की आपूर्ति और सीमेंट फैक्ट्री में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने की मांग इस बार चुनावी मुद्दा रहेगा।

भंवर सिंह के नाम सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड

नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड भंवर सिंह शेखावत के नाम है। वो नवलगढ़ से पांच बार विधायक रहे। खास बात ये है कि भंवर सिंह चार बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने और एक बार निर्दलीय विधायक रहे।

इसके अलावा नवलगढ़ में जीत की हैट्रिक का रिकॉर्ड भी भंवर सिंह के ही नाम है। वो पहली बार 1972 में विधायक चुने गए। इसके बाद 1972 में भंवर सिंह शेखावत बने। साथ ही 1980 से 1993 तक लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधायक बने थे।

कुछ ऐसा रहा 1951 से अब तक का चुनावी इतिहास

नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पहली बार साल 1951 में हुए विधानसभा चुनाव में वैसे तो राम राज्य परिषद के ठाकुर भीम सिंह विधायक चुने गए। साल 1957 में निर्दलीय श्री राम, 1962 में कांग्रेस के भीम सिंह, 1967 में स्वराज पार्टी के साबरमल बसोतिया, 1972 में कांग्रेस के भंवर सिंह शेखावत, 1977 में जनता पार्टी के नवरंग सिंह, 1980 में कांग्रेस के भंवर सिंह शेखावत, 1985 में लोकदल के नवरंग सिंह, 1990, 1993 व 1998 में कांग्रेस के भंवर सिंह शेखावत, 2003 में निर्दलीय प्रतिभा सिंह, 2008 में बसपा के डॉ. राजकुमार शर्मा, 2013 में निर्दलीय डा. राजकुमार शर्मा और 2018 में कांग्रेस के राजकुमार शर्मा विधायक चुने गए थे।

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