अब हमारी पुलिस ‘सिंघम’, किसी के दबाब में नहीं करेगी काम, केंद्र सरकार लाएगा कानून
जयपुर। देश की पुलिस को अब भोपाल गैस त्रासदी से सबक लेने की जरूरत हैं। रासायनिक आपदा में पुलिस कैसे काम कर आमजन के जीवन को बचा सकती है, इसकी ट्रेनिंग लेना अब जरूरी हो गया है। इसको लेकर पुलिस से जुड़े सभी विभागों को योजना बनानी चाहिए कि पुलिस किसी भी तरह की परमाणु जैविक की आपात की स्थिति होने पर काम कर सके।
यह बात पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की मेजबानी में जयपुर में हो रहे केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में शुरू हुए पुलिस जांच एजेंसियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कही। देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच अपराधों की रोकथाम और जांच के लिए परस्पर सामंजस्य बनाने के मकसद से राजधानी जयपुर में पुलिस जांच एजेंसियों के प्रमुखों के सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है।
पुलिस का देश में बड़ा योगदान
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कें द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश की आतंरिक सुरक्षा में पुलिस का बड़ा योगदान है। कानून व्यवस्था, अपराधों की रोकथाम में पुलिस का सराहनीय काम रहा है। कोविड जैसी आपदा के समय भी देश में पुलिस के काम को सराहा गया है। प्रधानमंत्री मोदी की सोच देश की पुलिस को स्मार्ट बनाने की है। इसी दिशा में आगे काम किया जा रहा है।
पुलिस के आधुनिकीकरण पर खर्च होंगे 26275 करोड़
राय ने कहा कि केंद्र सरकार पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 26,275 करोड़ खर्च करेगी। सरकार ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिए पुलिस फोर्स आधुनिकीकीकरण नामक अंब्रेला स्कीम को जारी रखने को मंजूरी दी है। यह पैसा पांच साल में खर्च होगा। इससे सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस को आधुनिक बनाने और कार्यशैली में सुधार पर भी काम होगा।
पीएम मोदी की सोच ने सुधारी पुलिस की नेगेटिव छवि
राय ने कहा कि अपमान सहकर गालियां और पत्थर खाकर भी पुलिस नहीं रुकी। कोरोना ने और पीएम मोदी की सोच ने पुलिस की नेगेटिव छवि को बदला है। पुलिस की नेगेटिव छवि फिल्मों में या सीरियल्स में दिखाई जाती है, उसको लेकर केंद्र ने परमिशन देना बंद कर दिया है। राय ने कहा कि पुलिस अब किसी दबाव में काम नहीं करेगी। पुलिस का दवाब कम करने को लेकर केंद्र योजना बना रही है, जिसमें कई कानून बनाए जा रहे हैं।
जांच और अभियोजन कानून के राज की रीढ़
राय ने कहा है कि जांच और अभियोजन कानून के राज की रीढ़ है। कानून का राज स्थापित करने के लिए जांच और अभियोजन पर बल देना जरूरी है। जांच के दौरान क़ानून के उपयोग और गुणवता के अभियोजन के बीच समन्वय होना जरूरी है। मानव जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहां पुलिस की भूमिका नहीं है।
आज राज्यपाल मिश्र करेंगे शिरकत
सम्मेलन का समापन शुक्रवार को होगा। राज्यपाल कलराज मिश्र शाम 4:30 बजेशिरकत करेंगे। इसका उद्देश्य क्षमता निर्माण करना है, जिसमें जांच में प्रौद्योगिकी के उपयोग, विभिन्न जांच एजेंसियों के बीच समन्वय, आतंकवाद से संबंधित वित्तीय सहायता और इसकी जांच आदि पर प्रकाश डाला जाएगा। इसमें डीजी बीपीआरएं डडी बालाजी श्रीवास्तव, डायरेक्टर सीजीटीआई जयपुर अमनदीप कपूर ने हिस्सा लिया।