बाबा की पोती ने थामा BJP का दामन, 2009 में पहली बार सांसद बनी थी ज्योति…2019 में मिली थी बेनीवाल से हार
Jyoti Mirdha: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले सियासी गलियारों में हलचल बढ़ने लगी है जहां सोमवार को मारवाड़ की सियासत से एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया. जानकारी के मुताबिक पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेता और 6 बार के सांसद रहे नाथूराम मिर्धा की पोती एवं पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
मिर्धा की एंट्री बीजेपी में एक जाट चेहरे के तौर पर मानी जा रही है जहां बीजेपी ने चुनावों से पहले जाट बाहुल्य नागौर बेल्ट में के लिए यह दांव चला है. मालूम हो कि ज्योति मिर्धा नागौर की कांग्रेस से 2009 में सांसद रही हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हनुमान बेनीवाल से हार का सामना करना पड़ा था.
कांग्रेस में नहीं सुनी जाती बात : ज्योति मिर्धा
बीजेपी जॉइन करने के बाद मिर्धा ने कहा कि 2014 के बाद देश और प्रदेश की परिस्थितियां बदली और पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारे देश की साख दुनिया भर में बढ़ी लेकिन कांग्रेस पार्टी इसके विपरीत चली गई. उन्होंने कहा कि पार्टी में हमारी बात कभी सुनी जाती थी और कभी नहीं क्योंकि कांग्रेस अपने लक्ष्य से भटक गई है.
ज्योति ने कहा कि राजस्थान में महिला अत्याचार, कानून व्यवस्था को लेकर कई लोग घुटन महसूस कर रहे थे जिसके बाद कांग्रेस छोड़ने का मन बनाया. उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में पीएम मोदी के विजन को आगे बढ़ाने का काम करूंगी और राजस्थान में मजबूत सरकार लाने के लिए अथक प्रयास करूंगी.
2009 में लड़ा पहला लोकसभा चुनाव
मालूम हो कि प्रदेश में जाट राजनीति का सबसे बड़ा केंद्र रहे नागौर से ज्योति मिर्धा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पौत्री है. नागौर को पंचायतीराज की स्थापना के लिए देशभर में जाना जाता है. ज्योति के दादा नाथूराम मिर्धा का अपने जमाने में मारवाड़ा से लेकर पूरे प्रदेश में जोरदार दबदबा रहा. वहीं ज्योति ने 2009 के लोकसभा चुनाव से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और नागौर से चुनकर लोकसभा पहुंची.
ज्योति ने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया हुआ है. वहीं 2009 से लेकर 2014 तक सांसद रहने के बाद 2014 में कांग्रेस ने उन्हें फिर मैदान में उतारा लेकिन मोदी लहर में वह बीजेपी के सीआर चौधरी के सामने चुनाव हार गई. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हनुमान बेनीवाल से हार का सामना करना पड़ा. वहीं 2009 में जब ज्योति ने पहला चुनाव लड़ा था तो खुद सोनिया गांधी उनके लिए प्रचार करने आई थीं.
2019 में मिली बेनीवाल से हार
वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल के सामने ज्योति को फिर चुनावी मैदान में उतारा. इधर बीजेपी ने नागौर सीट पर बेनीवाल से गठबंधन किया था जिसके बाद नागौर सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने मिर्धा को शिकस्त दी थी जहां बेनीवाल ने मिर्धा को 181260 वोटों से हराया था.
बेनीवाल को 660051 वोट और मिर्धा को 478791 वोट मिले थे. इधर अब माना जा रहा है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्योति को नागौर से चुनावों में उतार सकती है. इसके अलावा ज्योति के नागौर से किसी सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चा है.