मां ने ही 19 दिन के नवजात की टंकी में डुबोकर की हत्या, सपने में मिला आदेश, शादी के 8 साल बाद हुआ था बच्चा
जयपुर। नीमकाथाना में एक मां ने ही अपने नवजात बेटे को मौत के घाट उतार दिया, इस घटना को जिसने भी सुना उसकी रूहकांप गई। पुलिस ने कुछ घंटों के अंदर ही इस मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार नीमकाथाना जिले के डाबला थाना क्षेत्र के जीलो ग्राम पंचायत 19 दिन के नवजात की पानी की टंकी में डूबो कर हत्या का मामला आया था। इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया.
पुलिस ने पूरे मामले की गुत्थी सुलझाते हुए बताया कि बच्चे का मर्डर उसकी ही मां ने अंधविश्वास के चलते किया है। एएसपी गिरधारी लाल शर्मा ने बताया इस घटना के सामने आने के बाद सरोज के हाव-भाव से हमारा शक उस पर हुआ। हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया, जिसके बाद सरोज को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सपने में बेटे को करने का मिला था संदेश
मृतक बच्चे की मां सरोज ने बताया कि मंगलवार रात को मैं अपने बच्चे के साथ सो रही थी। नींद लगी तो एक सफेद साड़ी पहने महिला सपने में आई। सरोज ने कहा कि सपने वाली महिला ने कहां कि उसका बेटा सही नहीं है उसे मारना होगा, ये कहकर वो गायब हो गई। इसके बाद उसकी नींद खुल गई वो काफी डर गई थी उसने अपने बच्चे को गोदी में उठाया और कमरे के बाहर पानी की टंकी में बच्चे को डाल दिया और वापस आकर अपने बिस्तर पर सो गई.
बेटे को करने के बाद भी करती रही नाटक
गुनाह छिपाने के लिए सरोज ने परिजनों के सामने ड्रामा करना शुरु कर दिया। कमरे में आने के बाद महिला सोने का नाटक करती रही। एक बजे के आसपास उसकी सास उठी तो बच्चा गायब मिला। जिस पर उसने शोर मचाया शुरू कर दिया और बार-बार अपने बेटे को पुकारती रही।
जैसे ही बच्चे का शव टंकी में मिला तो वो बेसुध होने का नाटक करने लगी, ताकि किसी ये पता नहीं चले कि पूरी वारदात को उसी ने अंजाम दिया है।
शादी के 8 साल बाद हुआ था बेटा
बच्चे की बुआ पिंकी ने बताया कि शादी के 8 साल बाद भाई कृष्ण कुमार और भाभी सरोज देवी के संतान हुई थी। उसने बताया कि रात करीब 12 बजे मां की आंख खुली, उन्होंने देखा तो बच्चा नहीं था। मां के शोर मचाने पर सभी जागे और घर के कमरों, छत और बाहर देखा, लेकिन भतीजा नहीं मिला। मृतक मासूम की बुआ पिंकी ने बताया कि उसने मंगलवार शाम को घर के बाहर रखी प्लास्टिक की पानी की टंकी भरकर ढक्कन लगाया था।
बच्चे को ढूंढ़ते हुए ढक्कन खुला मिला तो उसे बंद करने गई। अंदर देखने पर भतीजा दिखाई दिया और भतीजे को देखते ही मेरी चीख निकल गई। आवाज सुनकर परिवार के लोग बाहर आए और टंकी को खाली कर बच्चे को बाहर निकाला, लेकिन बच्चे की मौत हो चुकी थी.