दीपावली बाद विकसित भारत यात्रा...2.7 लाख पंचायतें होगी कवर, लोकसभा चुनाव से पहले मोदी का बड़ा दांव
Viksit Bharat Sankalp Yatra : नई दिल्ली। राजस्थान सहित 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी लगातार तैयारियों में जुटी हुई है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा दांव खेला है। केंद्र सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ शुरू करेगी, ताकि अपनी योजनाओं के सहारे एक बार फिर सत्ता की राह आसान बनाई जाए सके।
सूत्रों की मानें तो दिवाली के बाद ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ की शुरुआत होगी। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को पूरी तरह से लागू करने के लिए छह महीने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए देशभर में 2.7 लाख पंचायतों में एक व्यापक अभियान शुरू करेगी।
सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में अपने सहयोगियों को कड़ी मेहनत करने के लिए कहा था। पीएम मोदी ने योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया था, ताकि योजनाओं में गति लाया जा सके।
इन योजनाओं को किया गया शामिल
सूत्रों के अनुसार, विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत पीएम आवास योजना (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पीएम किसान, फसल बीमा योजना, पोषण अभियान, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जनऔषधि योजना और पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी योजनाओं को शामिल किया जाएगा। बता दें कि मोदी सरकार बार-बार कल्याणकारी योजनाओं में गति लाने के लिए जोर देती रही है। सरकार बिना भेदभाव के सभी लोगों तक इन योजनाओं को पहुंचाना चाहती है।
कांग्रेस ने किया विरोध, उठाए सवाल
इस बीच, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इसे लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पत्र शेयर किया है जिसमें कहा गया है कि कें द्र सरकार अपनी नौ साल की उपलब्धियों को दिखाने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा निकालेगी।जिसकी प्लानिंग, तैयारियों और क्रियान्वयन के लिए संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव स्तर के अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाया जाएगा। खेड़ा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि किसी अधिकारी को राजनीतिक प्रचार का प्रचारी कैसे बनाया जा सकता है। वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि यह पीएम मोदी का एक और अहंकार भरा आदेश है।
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