एक चमत्कारिक स्थान है ‘सिद्धाश्रम’, यहां आज भी देवता करते हैं निवास
संसार में लोगों को हमेशा किसी चमत्कार का इंतजार रहता है। यहां कई प्रकार के चमत्कार होते भी हैं। लेकिन यदि कोई आपसे कहे कि इसी दुनिया में एक ऐसा स्थान भी है, जो विशेष प्रकार के लोगों को ही दिखाई देता है। ये विशेष लोग कौन होते हैं, तथा इनमें क्या खास बातें होती है यह जानना भी आवश्यक है। आखिर यह एक प्रकार की चमत्कारिक चीज है कि कैसे कोई स्थान ऐसा हो सकता है जो सभी लोगों को दिखाई नहीं देता।
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इस स्थान को सिद्धाश्रम के नाम से जाना जाता है, जो कि पहाड़ों पर स्थित है। यह जानना भी दिलचस्प होगा कि ऐसी कौनसी जगह है जो आम लोगों को नहीं दिखाई देती है और ऐसे वे कैसे खास लोग हैं जिन्हें यह स्थान दिखाई भी देती है। वे वहां वर्षों से रह भी रहे हें। इसी के बारे में विस्तृत रूप में जानेंगे आज के कॉर्नर में…
हिमालय का हिस्सा
सिद्धाश्रम के तौर पर जाना जाने वाला यह स्थान हिमालय पर्वत का ही भाग है। यह कैलाश मानसरोवर तथा ब्रह्म सरोवर के बीच स्थित हैं। इसके तीसरी ओर विष्णु तीर्थ है। सिद्धाश्रम एक ऐसा आश्रम है, जो कुछ विशिष्ट लोगों को ही दिखाई देता है। यहां सिद्ध योगी और साधु रहते हैं। ऐसे योगी जिन्होंने वर्षों से कड़ी तपस्या कर सिद्धी हासिल की है।
तिब्बत में रहने वाले लोग इसे शम्भल की रहस्यमय भूमि के रूप में जानते हैं। तिब्बती लोग इसकी पूजा भी करते हैं। यह आश्रम तिब्बत क्षेत्र में कैलाश पर्वत के पास स्थित है। अलौकिक आश्रम के रूप में जाना जाने वाले इस आश्रम का उल्लेख चारों वेदों, उपनिषदों, पुराणों, भारतीय महाकाव्यों तथा कई प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है।
विश्वकर्मा ने की थी इसकी रचना
वेदों में उल्लेखित इस आश्रम के बारे में कहा जाता है कि इसकी रचना स्वयं विश्वकर्मा ने भगवान ब्रह्मा के कहने पर की थी। एक मान्यता यह भी प्रचलित है कि इस स्थान पर भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध, शंकराचार्य, माता आनन्दमयी और निखिल गुरु देव आज भी सशरीर विद्यमान हैं। हिमालय में स्थित सिद्धाश्रम एक प्रकार का गुप्त और रहस्यमय स्थान है। यहां महान सिद्ध योगी, साधु और संत निवास करते हैं। जब कुछ प्रबुद्ध लोग या सिद्ध योगी साधना में उच्च स्तर तक पहुंचते हैं तो अपने गुरु के आशीर्वाद से वह इस रहस्यमयी आश्रम पहुंच सकते हैं।
आध्यात्मिक चेतना जगाता है यह स्थान
इस स्थान को आध्यात्मिक चेतना जगाने वाला स्थान, दिव्यता का केंद्र और महान ऋषियों की वैराग्य भूमि का आधार माना जाता है। लेकिन यहां के सभी दृश्य आम आदमी के लिए बहुत दुर्लभ है।
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