मुख्यमंत्री गहलोत का मास्टर स्ट्रोक बजट, अब सरकारी कर्मचारियों के हाथ में ओपीएस को बचाए रखना
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शुक्रवार को पेश बजट को लेकर यहां कांग्रेस में भी भारी उत्साह है। सूत्रों की मानें तो आलाकमान भी गदगद है। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में भी बजट की बड़ी चर्चा है। बजट को गहलोत का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। पार्टी में अब इस बात को लेकर विचार विमर्श शुरू हो गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत की योजनाओं को सभी चुनाव वाले राज्यों में भुनाया जाए।
मुख्यमंत्री गहलोत के बजट ने बीजेपी को तो चिंता में डाला ही है पार्टी में अपने विरोधियों को भी चित कर दिया। खास तौर पर सचिन पायलट समर्थक जो बजट के जारी होने तक सोशल मीडिया में परिवर्तन का अभियान चलाए हुए थे। मीडिया को भ्रमित करने में लगे थे, लेकिन इस बजट ने साफ कर दिया है कि आलाकमान पूरी तरह से गहलोत के साथ खड़ा है।
आमजन में चर्चा- इस बार बदलेगा रिवाज
मुख्यमंत्री गहलोत के इस बजट के बाद आम जन में चर्चा होने लगी है कि इस बार रिवाज बदलेगा। खास तौर पर सरकारी कर्मचारियों में तो खासा उत्साह है। इस बार के बजट में बोर्ड, निगम और विश्वविद्यालय के कर्मियों को भी शामिल करने से भी सरकारी कर्मी सरकार के साथ खड़ा दिख रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर सरकारी कर्मचारी ने तय कर लिया तो रिवाज हर हाल में बदलेगा।
साल 2003 में सरकारी कर्मचारी ही थे, जिन्होंने वेतन न बढ़ने से नाराज हो कर गहलोत की सरकार को हरा दिया था। जबकि तब मुख्यमंत्री गहलोत ने अब तक के सबसे भीषण सूखे के चलते राज्य की जनता को मुफ्त अनाज बांट भूख से कोई मौत नही होने दी थी। देश दनुिया में उनके प्रबंधन की बहुत तारीफ हुई थी। इसी के चलते वेतन नहीं बढ़ा पाए थे। अब कई कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिल भी चुका है।
बीजेपी ओपीएस के खिलाफ
बीजेपी पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद योजना का विरोध कर चुके हैं। यह बिल्कुल तय माना जा रहा है कि अगर बीजेपी किन्हीं कारणों से चुनाव जीती तो पुरानी पेंशन योजना हर हाल में बंद कर दी जाएगी। यह सरकारी कर्मचारियों को तय करना है कि वह इस बार गहलोत सरकार की वापसी कैसे कराते हैं। पुरानी पेंशन योजना गैर बीजेपी राज्य लागू कर रहे हैं। हिमाचल में बीजेपी पुरानी पेंशन योजना के चलते ही हारी।
.. तो, कर्मचारी को ही पैसा देना पड़ेगा
कांग्रेस की सरकार बनते ही हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी गई। केंद्र सरकार अपने राज्यों के दबाव के चलते विचार विमर्श तो कर रही है, लेकिन सीधे देने के पक्ष में नहीं है। आंध्र प्रदेश के माॅडल पर विचार चल रहा है, जिसमें सरकारी कर्मी को ही पैसा देना पड़ेगा।
राहुल गांधी ने सराहा… केंद्र पर कसा तंज
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान देश के युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों से जो बातों हूई, उन पर अब काम किया जाएगा। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के बजट में इसकी झलक दिखाई देती है। एक तरफ केन्द्र सरकार का बजट और एक तरफ देश के एक राज्य का बजट। केन्द्र की सरकार ने अपने बजट में महंगाई पर बात तक नहीं की। बेरोजगारी का बजट में जिक्र तक नहीं किया। वो इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री जी को न तो महंगाई दिखाई देती है और न ही बेरोजगारी। अगर उन्हें कुछ दिखता है तो वो है अपने ‘मित्र’ का व्यापार और उनकी तरक्की। प्रधानमंत्री जी, अब अपने मित्र की जेब भरना छोड़िए और देश की जनता के बारे में सोचिए।