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मणिपुर हिंसा वीडियो मामला : पीड़िता पहुंची सुप्रीम कोर्ट, केंद्र और प्रदेश सरकार खिलाफ याचिका दाखिल

मणिपुर हिंसा के दौरान महिलाओं को नग्न हालत में घुमाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
12:19 PM Jul 31, 2023 IST | Anil Prajapat
मणिपुर हिंसा वीडियो मामला   पीड़िता पहुंची सुप्रीम कोर्ट  केंद्र और प्रदेश सरकार खिलाफ याचिका दाखिल

Manipur violence video case : नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा पर एक तरफ संसद में गतिरोध बरकरार है। वहीं, दूसरी ओर मणिपुर हिंसा के दौरान महिलाओं को नग्न हालत में घुमाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। पीड़िताओं ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और मणिपुर सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच आज सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि उनकी पहचान की भी सुरक्षा की जाएं। बता दें कि 4 मई को हुई यौन उत्पीड़न की घटना से जुड़ी एफआईआर को लेकर याचिका दायर की गई है।

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इधर, संसद के दोनों सदनों में मणिपुर के मुद्दे पर लगतार गतिरोध बना हुआ है। हंगामे के चलते सोमवार को भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कुछ ही देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। केंद्र सरकार ने लोकसभा में आज ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। सरकार ने कहा कि आज दोपहर दो बजे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा होगी, लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है। मणिपुर पर जोरदार हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए और राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

ये है पूरा मामला

मणिपुर में 3 मई को कुकी और मैतेई के बीच उस वक्त हिंसा भड़की थी, जब मैतेई समुदाय के लोग एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता रैली निकाली थी। इस दौरान ऐसी भड़की हिंसा जो अब जारी है। हिंसक झड़पों में अब तक 181 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें से 113 लोग कुकी समाज और 62 लोग मैतेई समुदाय के है। जिस पर हिंसा भड़की उसके अगले ही दिन यानी 4 मई को रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना हुई थी। जिसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया वायरल हुआ था। जिसमें दो कुकी महिलाएं सड़क पर नग्न घुमाती नजर आ रही थी। हालांकि, 4 मई को हुई इस घटना की शिकायत 18 मई को पुलिस को दी गई थी। लेकिन, पुलिस ने 21 जून को एफआईआर दर्ज की थी।

थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक 4 मई की दोपहर करीब एक हजार लोगों ने थोबल स्थित एक गांव पर हमला बोल दिया था। हमलावरों ने पूरे गांव को आग के हवाले कर दिया था और जमकर लूटपाट की थी। अपनी जान बचाने के लिए तीन महिलाएं अपने पिता और भाई के साथ जंगल की तरफ भाग गई। बाद में पुलिस ने इनकी मदद की और सुरक्षित थाने लाया जा रहा था। तभी भीड़ ने पुलिस पर हमला बोलकर इन लोगों को छुड़ा लिया और थाने से दो किमी की दूरी पर ही पुलिस के सामने ही महिलाओं के पिता की हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं, तीनों महिलाओं के कपड़े उतारकर उन्हें रोड पर घुमाया। ये घटना पुलिस के सामने हुई, लेकिन उग्र भीड़ के डर से पुलिस भी मूक दर्शक बनी रही। इस घटना का वीडियो 19 जुलाई को वायरल होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई करने जा रहा है।

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