भारत के सबसे प्राचीन पीठ के पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य का निधन, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि, दिल का दौरा पड़ने से हुआ देहांत
जयपुर। शेखावाटी के प्रमुख संतों में से एक रैवासा पीठाधीश्वर 1008 डॉ. राघवाचार्य का आज निधन हो गया है। रैवासा पीठाधिश्वर डॉ. राघवाचार्य ने अपना जीवन लोगों की आध्यात्मिक उन्नति और समाज सेवा के लिए समर्पित किया था। अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में भी रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य को आमंत्रित किया गया था। 1008 डॉ. राघवाचार्य ने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार को लेकर अनेकों धार्मिक कार्यक्रम किए थे। उनके राजस्थान के मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ भी अच्छे संबंध थे, कई बार 1008 डॉ. राधवाचार्य मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर चुके हैं।
दिल का दौरा पड़ने से हुआ देहांत
1008 डॉ. राघवाचार्य महाराज का रैवासा में ही उनका अंतिम संस्कार होगा. जानकारी अनुसार पीठाधीश्वर को आज सुबह बाथरूम में दिल का दौरा पड़ा था. उन्हें तुरंत ही सीकर हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मुख्यमंत्री सहित अनेक नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
रैवासा पीठाधीश्वर 1008 राघवाचार्य के स्वर्गवास के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राधवाचार्य जी आत्मा की शांति के लिए की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा सच बेधड़क ग्रुप के चेयरमैन विनायक शर्मा और दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट उन्हें श्रद्धांजलि दी है, वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों व नेताओं ने भी राघवाचार्य महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है.
कौन थे महंत राघवाचार्य
महंत राघवाचार्य महाराज सीकर में भगवान राम के सबसे पुराने मंदिर रैवासा के जानकीनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर थे. यह मंदिर 1570 में बना था और यह भारत के सबसे प्राचीन पीठ भी यही है. वैष्णव संप्रदाय में 37 में से 12 आचार्य पीठ इसी गद्दी से निकली है. महंत राघवाचार्य महाराज ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी.