Liquor Scam Case : पहली बार CBI के समक्ष पेश हुए CM केजरीवाल
Liquor Scam Case : नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाला मामले में आज पहली बार सीबीआई के समक्ष पेश हुए। सीबीआई इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने केजरीवाल को रविवार को इसलिए बुलाया है, क्योंकि इस दिन क्षेत्र में कार्यालय बंद रहते हैं। बता दें कि जब सिसोदिया को बुलाया गया था, तब भी सीबीआई ने यही रणनीति अपनाई थी। सीबीआई ने 26 फरवरी को करीब 8 घंटे तक पूछताछ के बाद सिसोदिया को हिरासत में लिया था। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या सीबीआई दिल्ली के सीएम को भी पूछताछ के बाद हिरासत में लेगी?
सीबीआई दफ्तर पहुंचने से पहले केजरीवाल राजघाट पहुंचे। यहां पर बापू को नमन करने के बाद केजरीवाल सीबीआई के समक्ष पेश हुए। इस दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित अन्य सांसद, विधायक और पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे। राजघाट पर मीडिया से मुखातिब होते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में चौतरफा विकास होने लगा है, जिसे देश के लोगों ने 75 सालों में नहीं देखा था। दिल्ली को देखकर लोगों का लगा कि भारत का विकास हो सकता है। कुछ राष्ट्र विरोधी ताकतें नहीं चाहती कि भारत की तरक्की हो। उन्हीं राष्ट्र विरोधी ताकतों से कहूंगा की अब भारत नहीं रुकेगा। तुम्हारी इन गीदड़-भभकी से भारत नहीं रुकेगा।
छावनी में तब्दील हुआ सीबीआई मुख्यालय
केजरीवाल के सीबीआई दफ्तर पहुंचने से पहले अर्धसैनिक बलों सहित एक हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को सीबीआई मुख्यालय के बाहर तैनात किया गया। पूरे इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, आप के कार्यालय के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। आप कार्यालय और सीबीआई मुख्यालय के पास सड़कों पर अवरोधक लगाए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि अर्धसैनिक बलों सहित 1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को सीबीआई मुख्यालय के बाहर तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
कार्यकर्ताओं ने किया विरोध-प्रदर्शन
इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई द्वारा शराब नीति से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए ले जाने से पहले आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कश्मीरी गेट, पीरा गढ़ी सहित कई जगह पर प्रदर्शन कर केजरीवाल को CBI द्वारा शराब नीति से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए बुलाए जाने का विरोध जताया।