Laxmangarh Vidhan Sabha: यहां नहीं चला था मोदी लहर का जादू, लक्ष्मणगढ़ सीट जीतना BJP के लिए बड़ी चुनौती!
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों का आगाज हो गया है जहां सूबे की 200 सीटों पर एक चरण में 23 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना के बाद नतीजे जारी किए जाएंगे। बीजेपी-कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच हम आपको आज सीकर जिले की एक विधानसभा के बारें में जानकारी देगे।
हम बात कर रहे है लक्ष्मणगढ़ की, यह सीकर से महज 30-35 किमी की दूरी पर स्थित है। पिछले कई सालों से कांग्रेस ने इसे अपना गढ़ बना रखा है। इस सीट से कांग्रेस लगातार चुनाव जीत रही है। वहीं बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में लक्ष्मणगढ़ से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया को चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में अब इस सीट पर डोटासरा और महरिया की टक्कर देखने को मिलेगी.
जीत का एक बड़ा फैक्टर
सीकर की लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक कांग्रेस कमेटी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिं डोटासरा है। सरकार द्वारा सीकर जिले को संभाग घोषित किया करना भी विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस की जीत का एक बड़ा फैक्टर हो सकता है।
गोविंद सिंह डोटासरा फिर दिलाएंगे जीत
इधर जानकारों का कहना है कि यह कांग्रेस के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक हो सकता है। क्योंकि, यहां 2008 में गोविंद सिंह डोटासरा महज 34 वोटों से चुनाव जीते थे. इसके बाद से कांग्रेस यहां लगातार अपनी बढ़त बनाए हुए है। 2018 के विधानसभा चुनाव में डोटासरा ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीता था।
सीकर लोकसभा सीट पर बीजेपी लगातार दो बार से जीत सकी है। लेकिन, यहां की लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर वह मजबूत नहीं हो पाई है। राम मंदिर की लहर हो या पीएम मोदी की लहर, बीजेपी हर बार यहां से चुनाव हार ही रही है।
यहाँ समीकरण क्या है?
लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,53,869 मतदाता हैं। इनमें से 1,30,928 पुरुष मतदाता और 1,22,941 महिला मतदाता हैं। यहां लोग व्यक्ति का समर्थन करते हैं। पार्टी को कोई खास फर्क नहीं पड़ पा रहा है। जातिगत समीकरण एक साथ नहीं बैठते।
2008 में सीट बदली
वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद लक्ष्मणगढ़ विधान सभा सीट सामान्य हो गई। इससे पहले यह सीट आरक्षित थी। साल 2003 में बीजेपी के केसर देव ने यहां जीत हासिल की थी। इसके बाद से बीजेपी चुनाव हार रही है।