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Knowledge Corner: विश्व में सबसे कठिन मानी जाती है कैलाश मानसरोवर की यात्रा

हर वर्ष हजारों यात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं। यहां जाने के लिए जून से सितंबर तक का समय अनुकूल माना जाता है, लेकिन यह पर्वत कहां स्थित है तथा इसकी क्या मान्यता है, यह जान लेना भी आवश्यक है।
02:37 PM Sep 19, 2022 IST | Sunil Sharma

हम में से हर किसी की तमन्ना रहती है कि जीवन में एक बार तो कैलाश पर्वत की यात्रा करें। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। चारों ओर से बर्फ से ढका यह पर्वत शिवलिंग के आकार का है। इसे भगवान शिव का निवास स्थान भी कहा जाता है। यह पर्वत कैलाश पर्वतमाला पर स्थित है, जो कि कश्मीर से लेकर भूटान तक फैली हुई है।

हर वर्ष हजारों यात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं। यहां जाने के लिए जून से सितंबर तक का समय अनुकूल माना जाता है, लेकिन यह पर्वत कहां स्थित है तथा इसकी क्या मान्यता है, यह जान लेना भी आवश्यक है। इसकी ऊंचाई, स्थिति व आकार को लेकर विस्तार से जानेंगे आज के कॉर्नर में…

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कैलाश पर्वत की स्थिति हिमालयी अवरोध के उत्तर में स्थित कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6740 मीटर है। अपने अद्भुत सौंदर्य के कारण यह पर्यटकों को बहुत लुभाता है, लेकिन यहां जाना थोड़ा कठिन है, पथरीले रास्ते व प्रतिकूल मौसम के कारण यह सबसे कठिन यात्रा मानी जाती है। इस पर्वत में 4 फलक हैं।

यह स्थान चार महान धर्मों तिब्बती बौद्धवाद, हिंदूवाद, जैन धर्म तथा बौद्ध पूर्ब जीववादी के लिए आध्यात्मिक केंद्र है। कैलाश पर्वत का आकार विशाल शिवलिंग की तरह है। यह हमेशा बर्फ से ढका रहता है। हिंद धूर्म सहित जैन, बौद्ध धर्म में इसकी परिक्रमा का महत्व बताया गया है। तिब्बती लोग मानते हैं कि कम से कम 3 बार इसकी परिक्रमा करनी चाहिए।

चार मुख्य नदियों का उद्गम स्थल

तिब्बती लोग इसे खांग रिम्पोचे भी कहते हैं। इसका अर्थहै ‘बर्फ का बहुमूल्य रत्न’। इसे विश्व की नाभि के रूप में भी जाना जाता है। यहां से चार मुख्य नदियों का उद्गम होता है। ये हैं… उत्तर की ओर सिंह मुख नदी, पूर्व की ओर अश्व मुख नदी, दक्षिण की ओर मयूर मुख नदी तथा पश्चिम दिशा की ओर से गज मुख नदी।

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कैलाश पर्वतमाला तिब्बत में स्थित एक पर्वत श्रेणी है, जिसे अस्टापद, गणपर्वत और रजतगिरि नामों से भी जाना जाता हैं। इस पर्वतमाला के उत्तरी शिखर का नाम कै लाश है। कैलाश मानसरोवर हिंदू धर्म का पवित्र तीर्थ है। इस स्थान को मानसखंड भी कहा जाता है। यह पर्वत ल्हाचू और झोंग चू के बीच स्थित है।

मानसरोवर झील

इस झील का नाम संस्कृत भाषा के मानस तथा सरोवर से मिलकर बना है। जिसका शाब्दिक अर्थ होता है, मन का सरोवर। इस झील के पश्चिम में राक्षसताल तथा उत्तर में कैलाश पर्वत स्थित है, जो कि लगभग 320 वर्ग किलोमाटर के क्षेत्र में फैली हुई है। समुद्रतल से इसकी ऊं चाई लगभग 4556 मीटर है। इस झील की औसत गहराई 90 मीटर तथा परिमिति करीब 88 किलोमीटर है।

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