ITR Filing इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले जाने ये नियम, किन बातों का ध्यान रखना जरूरी
हर साल अप्रैल का महीना आते ही देशभर के करदाताओं के सामने एक सवाल खड़ा हो जाता है कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) कैसे और कब फाइल करना है? वित्तीय वर्ष 2024-25 खत्म होने के साथ ही असेसमेंट वर्ष 2025-26 के लिए ITR फाइल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया सिर्फ एक कानूनी जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि फाइनेंशियल हेल्थ को बनाए रखने का भी एक अहम हिस्सा है। लेकिन कई लोगों के लिए ITR फाइल करना जटिल और उलझन भरा काम लगता है। सही जानकारी और थोड़ी सी तैयारी के साथ यह प्रक्रिया बेहद आसान हो सकती है।
सही ITR फॉर्म चुनें: अपनी आय के हिसाब से करें फैसला
ITR फाइल करने की शुरुआत सही फॉर्म चुनने से होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 7 तरह के ITR फॉर्म नोटिफाई किए हैं—ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6 और ITR-7। हर फॉर्म अलग-अलग तरह की आय और अलग-अलग तरह के करदाताओं के लिए बनाया गया है। मिसाल के तौर पर, ITR-1 (सहज) उन लोगों के लिए है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और आय का स्रोत सैलरी, एक मकान की किराए की आय या ब्याज है। वहीं, ITR-2 उन लोगों के लिए है जिनकी आय 50 लाख रुपये से ज्यादा है या जिनके पास कैपिटल गेन, विदेशी संपत्ति या एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से आय है।
टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक, सही फॉर्म चुनना ITR फाइल करने का सबसे अहम कदम है। अगर करदाता व्यक्ति है, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) है, या कोई कंपनी चलाता है, तो उसके लिए अलग-अलग फॉर्म होंगे। उदाहरण के लिए, ITR-5 पार्टनरशिप फर्म, LLP, सोसाइटी या ट्रस्ट के लिए है। गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल सकता है। इसलिए, आय के स्रोत, कुल आय और करदाता की श्रेणी को ध्यान में रखकर फॉर्म चुनना जरूरी है। अगर इस बारे में उलझन हो, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लेना बेहतर है। सही फॉर्म चुनने से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि बाद में होने वाली परेशानियों से भी बचा जा सकता है।
समय पर फाइल करें: जुर्माने और नोटिस से बचें
ITR फाइल करने में देरी करना महंगा पड़ सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, अगर समय पर ITR फाइल नहीं किया जाता, तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर आय 5 लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना 1,000 रुपये है। इसके अलावा, बकाया टैक्स पर हर महीने 1% ब्याज भी देना पड़ता है। ITR फाइल करने की सामान्य तारीख 31 जुलाई 2025 है, लेकिन अगर यह तारीख मिस हो जाती है, तो 15 जनवरी 2026 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है। अगर कोई गलती हो गई है, तो रिवाइज्ड रिटर्न भी फाइल करने का मौका मिलता है।
टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फाइलिंग को आसान बनाने के लिए कई न्यू सुविधाएं शुरू की हैं। मिसाल के तौर पर, प्री-फिल्ड ITR और नया फॉर्म 26AS सारी टैक्स-संबंधी जानकारी ऑटोमैटिकली भर देता है। समय पर फाइल करने से न केवल जुर्माने से बचा जा सकता है, बल्कि वित्तीय विश्वसनीयता भी बढ़ती है। इसलिए, अप्रैल से ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। दस्तावेज जमा करने और अकाउंटेंट से बात करने का काम पहले से कर लेने से आखिरी समय की परेशानी से बचा जा सकता है। समय पर फाइलिंग न केवल कानूनी परेशानियों से बचाती है, बल्कि मन की शांति भी देती है।