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KhatuShyam Ji: श्याम नगरी में भिखारियों और कचरा बीनने वाले बच्चों कि कटिंग करने जयपुर से आते हैं नाई…

07:27 PM Sep 07, 2024 IST | Sujal Swami

जयपुर। यदि मन में कुछ करने की चाह हो तो तमाम मुसीबतों को मात देकर भी समाजसेवा की राहें भी तलाशी जा सकती है. गरीब परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए जहां प्रदेशभर में कई युवा लगातार काम कर रहे है. वहीं कई हुनरमंद इन बच्चों की खुशियों में तरह-तरह के रंग भी भरने में जुटे हैं.

पिता का फर्ज निभा रहा ये युवा

भीख मांगने वाले व कचरा बीनने वाले खानबदोश परिवारों के निरक्षक बच्चों में आखर जोत जलाने के लिए एक युवा पिता का फर्ज निभा रहा है. खाटू के पवन ओला ने लखदातार जन सेवा समिति के तत्वावधान में आपणी श्याम पाठशाला कि शुरूआत जीणमाता ग्रेवल रोड पर बने नागा वाले बालाजी मंदिर परिसर से में 1 जनवरी 2024 से की थी.

शुरूआत में 20 बच्चे थे अब सैकड़ो हुए

पवन ने बताया कि उस समय एक-एक झुग्गी झोंपड़ी में जाकर अथक प्रयासों से परिजनों को समझाकर 20 बच्चाें को पढने के लिए तैयार किया. करीब 1 महिने पवन ने स्वयं पढ़ाई करवाई. उसके बाद 5 महिनों में यह संख्या 120 तक पंहुच गई. जिन्हें इस पाठशाला में नि:शुल्क पढाने के साथ पाठ्य सामग्री भी नि:शुल्क दी जा रही है. इस काम में 6 युवा भी बच्चों को पढ़ाने के इस अभियान में शामिल हुए है.

ऑनलाइन व लग्जरी सैलून वाले भी इससे जुड़े

जयपुर में ऑनलाइन व लग्जरी सैलून चलाने वाले ओमप्रकाश सैन भी जरूरमंद परिवारों के बच्चों की मुफ्त में कटिंग करने की ठान ली है. सैन ने जब सोशल व प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रसिद्ध धार्मिक स्थली खा‌टूधाम में संचालित आपणी श्याम पाठशाला में भिक्षावृत्ति करने वाले व कचरा बीनने वाले परिवारों के बच्चों को पढ़ते देखा और इसकी पूरी जानकारी जुटाई. जिसके बाद इन जरूरतमंद बच्चों को संवारने की इच्छा लिए वे जयपुर से श्याम नगरी पहुंचे. जहां उन्होंने पाठशाला जाकर वहां पढ़ रहे करीब 120 छात्र छात्राओं के नि:शुल्क बाल काटे. इनमें तो कई बच्चे ऐसे हैं जिनके कई महीनों से बाल तक नहीं कटे थे. बाल कटने से बच्चों का रूप भी संवर आया.

बच्चों के साथ मनाते है जन्मदिन

इस अभियान से प्रेरित होकर अब कस्बे सहित आसपास के गावों के लोग भी अपने व बच्चों के जन्मदिवस, शादी की सालगीरह, विवाह आदि अवसरों पर इस पाठशाला में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चाें को ड्रेस, जूते, पाठ्य सामग्री व आर्थिक सहयोग करते है. इसके अलावा चूरू जिले के देपालसर गांव में धर्मवीर जाखड़ ने आपणी पाठशाला संचालित कर रखी है. जिसमें पढ़ रहे झुग्गी झोपड़ी के करीब 300 बच्चों की नि:शुल्क कटिंग की सेवा ओमप्रकाश व उनकी टीम जयपुर से आकर करती है. सैन विगत 3 साल से यहां सेवा दे रहे हैं.

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