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'खरगे और राहुल गांधी ने किया जहर घोलने का काम' राठौड़ बोले - कांग्रेस को महिला अपराधों पर सांप सूंघ जाता है

23 सितंबर को राजधानी जयपुर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने खरगे और राहुल गांधी पर पलटवार किया है।
05:45 PM Sep 23, 2023 IST | Kunal Bhatnagar

Rajendra Rathod attacks Congress: 23 सितंबर को राजधानी जयपुर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। अब प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ पलटवार करते हुए कहा है कि जयपुर में कांग्रेस के नए मुख्यालय भवन के शिलान्यास में पहुंचे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे और राहुल गांधी ने चुनावी वर्ष में एक बार फिर राजस्थान की धरा से देश को बांटने की निम्न स्तर की राजनीति के नाम पर जहर घोलने का काम किया है।

खाली कुर्सियों पर राठौड़ का तंज

विधानसभा नेता प्रतिपक्ष राठोड़ ने कहा है कि महिला आरक्षण, जातिगत जनगणना और ओबीसी समुदाय को लेकर तथ्यहीन व भ्रामक बातें कही है। जबकि कांग्रेस ने देश में 50 साल से ज्यादा समय तक शासन किया तो फिर 1931 के बाद जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई?

सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खडगे जी के भाषण के समय खाली कुर्सियों का नजारा कांग्रेस सरकार के डिलीट होने पर मुहर लगा रहा है। कांग्रेस की फ्लॉप सभा भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा की सफलता पर मुहर लगा रही है।

राहुल गांधी पर राजनीति करने का आरोप

आगे नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन देने वाला नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित हुआ, लेकिन दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी जी इसे भी अब राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं।

ओबीसी समुदाय के कथित पैरोकार बने राहुल गांधी यह कैसे भूल गये हैं कि काका कालेकर कमीशन की रिपोर्ट को दबाना हो या फिर मंडल आयोग की सिफारिशों को रोकना हो, कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी समाज का अपमान किया है। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा भी कांग्रेस ने नहीं बल्कि वर्ष 2018 में मोदी सरकार ने ही दिया था।

10 दिन में कर्जमाफी की बात को दोहराया

राठौड़ ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2018 के समय राहुल गांधी ने किसानों के 10 दिन में कर्जमाफी की बात कही थी। 2018 के चुनाव के बाद 2023 का चुनाव भी आ गया। कांग्रेस ने किसानों के साथ धोखा करके सत्ता का सुख भी भोग लिया।

अब प्रदेश का बेबस व ठगा हुआ किसान यही पूछ रहा है कि राहुल गांधी जी आपके 10 दिन कब पूरे होंगे ? किसानों से किया कर्जमाफी का वादा कब पूरा होगा ? किसानों की जमीनें नीलाम होना कब रुकेगी ? किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली कब मिलेगी ?

मुखिया अडानी समूह को कर रहे उपकृत

आगे राठौड़ ने निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने भाषणों में अडानी समूह पर लगातार आरोप लगाते हैं वहीं दूसरी ओर राजस्थान में उनकी कांग्रेस सरकार के मुखिया अडानी समूह को बार-बार उपकृत कर कभी कोयला खरीद तो कभी सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए बेशकीमती जमीनें दे रहे हैं, बड़े- बड़े प्रोजेक्ट सौंप रहे हैं। राहुल गांधी को जवाब देना चाहिये कि अशोक गहलोत जी का अडानी समूह के साथ यह रिश्ता क्या कहलाता है?

महिला अपराधों पर सांप सूंघ जाता है?

राठौड़ ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी स्वयं को सबसे बड़े महिला हितैषी बताते हैं लेकिन जब राजस्थान में महिलाओं के साथ दुष्कर्म व अपराधों की बात आती है तो कांग्रेस नेताओं को सांप सूंघ जाता है।

राहुल गांधी ने मणिपुर की घटना को राजनीतिक रंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन प्रदेश में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे सर्वाधिक दुष्कर्म को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा। इसके विपरीत जब कांग्रेस सरकार में तत्कालीन सैनिक कल्याण राज्य मंत्री ने महिला दुष्कर्म को लेकर सच्चाई बतानी चाही तो उन्हें मंत्रिमंडल से ही बाहर कर दिया गया।

प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार

राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार पर दलित और आदिवासियों का अनर्गल आरोप लगाने से पहले प्रदेश में दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार पर नजर डालनी चाहिये। एनसीआरबी के आंकड़ों में आज राजस्थान दलित व आदिवासी अत्याचारों में देश में दूसरे पायदान पर है।

आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के साथ राज्य सरकार अन्याय और उत्पीड़न की सारी सीमाएं पार कर चुकी है। आदिवासी आंचल में बच्चियों की तस्करी हो रही है और बेखौफ बदमाशों द्वारा गाडियों से कुचला जाता है। दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी ने लचर कानून व्यवस्था के साथ ही महंगी बिजली, भ्रष्टाचार, पेपर लीक, बेरोजगारी व तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर भी कुछ नहीं कहा।

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