भर्ती परीक्षा में पुरानी फोटो वाले आधार-वोटर ID पर नो एंट्री: कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन ने कहा- कैंडिडेट्स को दस्तावेज कराने होंगे अपडेट
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को अपने मूल दस्तावेजों में फोटो को अपडेट करना अनिवार्य होगा। यदि किसी अभ्यर्थी की फोटो तीन साल या उससे अधिक पुरानी है, तो वह भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र के साथ उनके मूल दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस का वेरिफिकेशन किया जाता है। कई बार इन दस्तावेजों में अभ्यर्थियों की पुरानी या बचपन की फोटो होती है, जिससे उनके वर्तमान चेहरे का मिलान करना मुश्किल हो जाता है।इस नए नियम का उद्देश्य अभ्यर्थियों की पहचान को स्पष्ट करना और परीक्षाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।
परीक्षा में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा
ऐसे में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में अब सिर्फ वही अभ्यर्थी हिस्सा ले सकेंगे, जिनके दस्तावेजों में लेटेस्ट या अधिकतम 3 साल पुरानी फोटो लगी हो। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अभ्यर्थी को भर्ती परीक्षा में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा।
2026 तक प्रदेश में 74 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन होगा
कर्मचारी चयन बोर्ड ने हाल ही में भर्ती परीक्षाओं का संशोधित कैलेंडर जारी किया है, जिसके तहत जून 2026 तक प्रदेश में 74 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। अनुमान है कि इनमें 50 लाख से अधिक अभ्यर्थी आवेदन करेंगे।ऐसे में अब भर्ती परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थियों को अपने अपडेट दस्तावेजों के साथ ही भर्ती परीक्षा में आवेदन करना होगा, तभी वे भविष्य में आयोजित परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे।
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए दस्तावेजों के अपडेटेशन का यह निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य है कि केवल सही अभ्यर्थियों को ही जांच-पड़ताल के बाद परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाए।इससे पहले भी बोर्ड ने ओएमआर शीट में पांचवां ऑप्शन जोड़कर नकल और धांधली को रोकने का प्रयास किया था। इस नए कदम से परीक्षाओं की पारदर्शिता बढ़ाने और अभ्यर्थियों की पहचान में सुधार होगा