Kanjhawala Case: कोर्ट ने आरोपी आशुतोष की जमानत याचिका की खारिज, पुलिस को गुमराह करने का किया था प्रयास
नई दिल्ली। नए साल की रात हुए कंझावला कांड ने पूरे देश को सकते में ला दिया। इस कांड को लेकर दिल्ली पुलिस भी पूरी मुस्तैदी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है। वहीं अब कोर्ट ने गुरूवार को कंझावला कांड में आरोपी आशुतोष भारद्वाज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
आरोपी ने पुलिस को भटकाने का किया प्रयास
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए, जांच प्रारंभिक स्तर पर होने के तथ्य पर विचार करते हुए अदालत जमानत देने की पक्षधर नहीं है। वहीं अतिरिक्त सरकारी अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि आरोपी आशुतोष भारद्वाज ने यह कहकर जांच को भटकाने का प्रयास किया कि सह-आरोपी दीपक कार चला रहा था। उन्होंने ये भी कहा कि पहले से जानकारी होना और बाद में पता चलना दोनों में अंतर की एक बारीक रेखा है। हम मामले में जांच कर रहे हैं। जब भारद्वाज आजाद था तो उसने जांच को भटकाने की कोशिश की। वह भविष्य में फिर से पुलिस को गुमराह कर सकता है।
वारदात के वक्त अमित चला रहा था गाड़ी
अतुल श्रीवास्तव के मुताबिक भारद्वाज ने यह गलत दावा किया था कि सह-आरोपी दीपक खन्ना कार चला रहा था। जबकि पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी अमित वारदात के वक्त गाड़ी चला रहा था। वहीं आरोपी भारद्वाज के आचरण के बारे में सवाल उठाते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपी पुलिस को सूचित करने के लिए कानूनन बाध्य था लेकिन फिर भी अभियोजन को उसने गुमराह किया। फिलहाल सभी आरोपियों को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
Kanjhawala Case: ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2022 को देर रात सुल्तानपुरी के कंझावला में युवती के साथ दर्दनाक हादसा हुआ। एक कार ने स्कूटी को टक्कर मारी और उसके बाद लड़की कार के पहियों में फंस गई और करीब 11 किमी तक घिसटती चली गई। जिससे उसके शरीर के सारे कपडों के चीथड़े तक उड़ गए। लेकिन हादसे के वक्त नशे में धुत आरोपियों का कहना है कि उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी। वहीं 11 किमी तक घिसटने के बाद जब आरोपियों ने कार रोकी तो लड़की के शरीर पर मांस बचा ही नहीं था, सिर्फ कंकाल रह गया था। फिलहाल पांचों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। वहीं मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद अंजलि का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।