Joshimath Sinking: SC ने जोशीमठ आपदा पर सुनवाई से किया इंकार, कही ये बात…
Joshimath Sinking: नई दिल्ली। जोशीमठ में लगातार हो रहा भू धंसाव चिंता का कारण बना हुआ है। इस मामले को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस याचिका को सुनने से इंकार कर दिया है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि ‘उत्तराखंड हाई कोर्ट में अपनी बात रखें।’
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
दरअसल आज हुई सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट इस मामले को सुन रहा है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब हाईकोर्ट पहले से ही इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। तो याचिकाकर्ता को वहीं अपनी बात रखनी चाहिए। वहीं सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ’12 जनवरी को हाईकोर्ट ने इसी मामले पर आदेश पारित किए हैं। हाई कोर्ट ने विशेषज्ञ कमेटी के गठन पर जवाब मांगा है। सरकार और NTPC को जोशीमठ में फिलहाल निर्माण बंद रखने के लिए भी कहा गया है।’ वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि याचिकाकर्ता को वहीं अपनी बात रखनी चाहिए।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रखी ये मांगे
बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जमीन धंसने से प्रभावित हो रहे जोशीमठ के लोगों के पुनर्वास और उनकी संपत्ति का बीमा करवाए जाने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने मांग रखी थी कि इस मामले को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। उन्होंने तपोवन-विष्णुगड बिजली परियोजना पर रोक लगाने की भी मांग भी की थी।
Joshimath Sinking: लगातार धंसती जा रही है जमीन
गौरतलब है कि जोशीमठ भू धंसाव के चलते इन दिनों एक बड़ी समस्या का सामना कर रहा है। जोशीमठ में जमीन धीरे-धीरे नीचे धंसती जा रही हैं। वहीं दरार वाले मकानों की संख्या रविवार को बढ़कर 826 हो गई है। जबकि असुरक्षित क्षेत्र में आने वाले भवनों की संख्या भी बढ़कर अब 165 हो गई है। लोगों को लगातार सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है। अभी तक कुल 233 परिवारों के 798 व्यक्तियों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।