Joshimath Shinking: ISRO ने वापस ली रिपोर्ट, एक्सपर्ट्स और संस्थानों पर सरकार ने कसा शिकंजा
जोशीमठ। उत्तराखंड का जोशीमठ अब आपदा की कगार पर खड़ा है। यहां भू-धंसाव के चलते सैंकड़ों घरों में दरारें आ गईं है। जिसके चलते सरकार स्थानीय लोगों का पुनर्वास करने के कार्य में भी लगी हुई है। इसी कड़ी में जोशीमठ में इमारतों को गिराने का काम भी शुरू किया गया। वहीं इन सबके बीच देश की नामी संस्था इसरो ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि महज 12 दिनों के भीतर ही जोशीमठ 5.4 सेमी. धंस गया है।
ISRO ने वेबसाइट से हटाई जोशीमठ की तस्वीरें
ISRO ने जोशीमठ के सन्दर्भ में सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरें भी जारी की थी। हालांकि जब इसरो की रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए कि आखिर वह कर क्या रही है तो इसरो की उस रिपोर्ट को नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) की वेबसाइट से ही हटा दिया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने एक दर्जन सरकारी संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों को निर्देश दिया है कि ‘वे जोशीमठ में जमीन धंसने के संबंध में मीडिया से बातचीत ना करें और ना ही सोशल मीडिया पर डेटा साझा न करें। क्योंकि उनके बयान से ना केवल प्रभावित निवासियों के बीच बल्कि देश के नागरिकों के बीच भी भ्रम पैदा हो रहा है।’
‘इसरो की रिपोर्ट को लेकर जोशीमठ में दहशत’
वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) द्वारा जोशीमठ (Joshimath)के कुछ हिस्सों के तेजी से धंसने की घटना दिखाने वाली एक प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2022 से 7 महीनों की अवधि में जोशीमठ शहर के भीतर 8.9 सेमी तक धीमा धंसाव दर्ज किया गया था। रिपोर्ट क्यों हटाई गई, इस पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि इसरो की रिपोर्ट को लेकर जोशीमठ में दहशत है। इसलिए उन्होंने इसरो के निदेशक से बात की और उनसे रिपोर्ट हटाने को कहा।
रावत ने कहा कि वेबसाइट पर बताया गया कि ‘भूमि धंस रही है, जिसके चलते जोशीमठ में बहुत दहशत पैदा हो गई। इसलिए मैंने उनसे केवल आधिकारिक बयान देने के लिए कहा और वेबसाइट पर ऐसे ही कुछ भी पोस्ट नहीं करने को कहा। मैंने उनसे केवल सच बोलने के लिए कहा और कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो इसे वेबसाइट से हटा दें। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे आधिकारिक रिपोर्ट दें और जब तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट न हो तब तक हड़कंप न मचाएं।’
उत्तराखंड सरकार ने कही ये बात
उत्तराखंड सरकार ने एजेंसी से कहा कि जोशीमठ से संबंधित किसी भी रिपोर्ट को पहले केंद्र या राज्य सरकार से मंजूरी लेनी चाहिए। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इस मामले में हमने एनडीएमए से अनुरोध किया है। मैंने व्यक्तिगत रूप से इसरो के निदेशक से बात की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों में दहशत न फैले। क्योंकि यहां स्थानीय लोग पहले से ही परेशान हैं।
एनडीएमए ने जारी किया ज्ञापन
वहीं जोशीमठ के संबंध में मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर डेटा साझा करने पर रोक लगाने वाला एनडीएमए कार्यालय ज्ञापन शुक्रवार को जारी कर दिया गया था। NDMA ने अपने इस ज्ञापन में कहा कि यह देखा गया है कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में विषय वस्तु से संबंधित डेटा जारी कर रहे हैं और साथ ही वे स्थिति की अपनी व्याख्या के साथ मीडिया के साथ बातचीत कर रहे हैं। यह ना केवल प्रभावित निवासियों के बीच बल्कि देश के नागरिकों के बीच भी भ्रम पैदा कर रहा है।