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Jhotwara Vidhan Sabha : 2018 में खूब चर्चा में रही थी ये सीट, इस बार सांसद और मंत्री की होगी टक्कर

झोटवाड़ा विधानसभा साल 2018 में हार और जीत की वजह से चर्चा में रही थी। यहां हारने वाली पार्टी ने भी रिकॉर्ड बनाया था। वहीं, जीतने वाली पार्टी के नाम भी रिकॉर्ड बना था।
10:15 AM Oct 11, 2023 IST | Anil Prajapat
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Jhotwara Vidhan Sabha

Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान में इस साल 23 नवबंर को विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसके लिए कांग्रेस-बीजेपी सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने पूरी तरह कमर कस ली है। लेकिन, हम आपको राजस्थान की ऐसी सीट के बारे में बताने जा रहे है, जो 200 विधानसभा सीटों में सबसे बड़ी है। यह सीट 2018 के विधानसभा चुनाव में काफी चर्चा में रही थी.

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दरअसल, झोटवाड़ा विधानसभा साल 2018 में हार और जीत की वजह से चर्चा में रही थी। यहां हारने वाली पार्टी ने भी रिकॉर्ड बनाया था। वहीं, जीतने वाली पार्टी के नाम भी रिकॉर्ड बना था। यहां विजेता रहे कांग्रेस के लालचंद कटारिया को 127,185 वोट मिले थे, जो उस चुनाव में सबसे अधिक था। वहीं, हारने वाले बीजेपी के राजपाल सिंह शेखावत 116438 वोट मिले, जो उस चुनाव में इतने वोट के बाद भी हारने का रिकॉर्ड बनाया था।

बीजेपी ने राठौड़ को उतारा मैदान में

जयपुर जिले की झोटवाड़ा विधानसभा सीट राजस्थान का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। यहां से वर्तमान में लालचंद कटारिया विधायक है, जो गहलोत सरकार में कृषि मंत्री भी है। इस सीट से बीजेपी ने इस बार दिग्गज नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है। लेकिन, अभी कांग्रेस के उम्मीदवार का नाम सामने आने बाकी है।

कैसा है यहां का जातीय समीकरण?

झोटवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में कुल वोटर्स की संख्या 420712 है। इनमें से 2 लाख 1992 महिलाएं और 2.18 लाख से ज्यादा पुरुष वोटर्स हैं। यहां यादव, ब्राह्मण तथा एसटी-एससी समुदाय के वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते है। लेकिन, इस राजपूत और जाट वोटर्स सबसे अधिक है।

इस बार ये होगा चुनावी मुद्दा

इस क्षेत्र में पानी और स्वास्थ्य का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। इन दोनों ही मुद्दों पर अभी तक लोगों को राहत नहीं मिल पाई है। यहां पर पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है। वहीं, एक बड़ा सरकारी अस्पताल बनना था, जिस पर अभी तक काम नहीं हो सका। ऐसे में इस बार भी ये दोनों ही बड़े चुनावी मुद्दे रहने वाले है।

15 साल में दो बार बीजेपी का कब्जा

इस क्षेत्र के पिछले 15 साल की बात करें तो यहां से दो बार बीजेपी जीती है। वहीं, एक बार कांग्रेस को सफलता हाथ लगी है। साल 2008 के चुनाव में बीजेपी के राजपाल सिंह शेखावत ने कांग्रेस के लाल चंद कटारिया को हराया था। साल 2013 के चुनाव में भी बीजेपी राजपाल सिंह शेखावत लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए।

लेकिन, इस बार कांग्रेस ने लाल चंद कटारिया की जगह डा. रेखा कटरिया को टिकट दिया था। साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर से लाल चंद कटारिया को दिया। वहीं, बीजेपी ने राजपाल सिंह शेखावत को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा। लेकिन, इस बार वो सफल नहीं हो पाए। कांग्रेस के लालचंद कटारिया विधायक चुने गए थे।

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