होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

आतंकवाद, साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन चर्चा, डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन क्या है खास?

58वीं डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस में शनिवार को दूसरे दिन पीएम नरेंद्र मोदी शामिल हो रहे हैं.
11:41 AM Jan 06, 2024 IST | Avdhesh

DG-IG Conference Jaipur: राजधानी जयपुर में हो रही 58वीं डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस का शनिवार को दूसरा दिन है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक पीएम आज कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करेंगे औऱ हर राज्य के डीजीपी से वन टू वन मुलाकात भी करेंगे. वहीं आखिर में पीएम का एक संबोधन भी होगा. वहीं कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सभी डीजीपी कानून व्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट भी पेश करेंगे.मालूम हो कि इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को सभी डीजी और आईजी के साथ कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे.

खालिस्तान आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर होगी चर्चा

कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन खालिस्तानी आतंकवाद को खत्म करने के लिए सभी राज्यों के डीजीपी से सुझाव लिए जाएंगे. वहीं इस विषय पर एनएसए अजीत डोभाल भी अपनी बात रखेंगे. इसके बाद साइबर सुरक्षा पर करीब 3 घंटे की चर्चा रखी गई है जहां कई साइबर एक्सपर्ट अपनी बात रखेंगे.

वहीं आईपीसी के कानूनों को बदलने, सजा को कम या ज्यादा करने पर भी चर्चा की जाएगी जिसके लिए 4 घंटे का समय तय किया गया है. वहीं आखिरी में ह्यूमन ट्रैफिकिंग करीब 2 घंटे चर्चा होगी जिस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय एक प्रेजेंटेशन देंगे. वहीं दोपहर 1 बजे बाद पीएम मोदी और अमित शाह सभी डीजी-आईजी के साथ लंच करेंगे जहां पीएम मोदी सभी से वन टू वन संवाद करेंगे.

देश मे आतंक-उग्रवाद कम हुआ - शाह

वहीं कांफ्रेंस के पहले दिन शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों के लिए केंद्र-राज्यों के बीच बेहतरीन तालमेल बढ़ाया जाना जरूरी है. वहीं नए आपराधिक कानूनों को लेकर शाह ने थानेदारों से लेकर डीजीपी तक ट्रेनिंग देने पर फोकस किया.

इसके अलावा शाह ने कहा कि देश अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है. उन्होंने कहा कि अब उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और एआई आधारित तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए.

Next Article