'मैं भजनलाल शर्मा...' राजस्थान को मिला 16वां मुख्यमंत्री, 25 साल बाद टूटा गहलोत-वसुंधरा का रिवाज
Rajasthan CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान को आज 16वां मुख्यमंत्री मिल गया है जहां बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राजधानी जयपुर में राजस्थान की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन अल्बर्ट हॉल के सामने किया गया जहां सीएम के अलावा राज्य के दो उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी एवं प्रेमचंद बैरवा ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. जानकारी के मुताबिक तीनों ही नेताओं को राज्यपाल कलराज मिश्र ने शपथ दिलवाई. मालूम हो कि भजनलाल शर्मा के लिए आज का दिन खास है जहां शपथ लेने के साथ ही आज ही उनका जन्मदिन है.
वहीं शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री सहित कुल 15 केंद्रीय मंत्री और 11 सीएम सहित प्रदेश बीजेपी के कई अन्य बड़े नेता शामिल रहे.
इधर शपथ लेने से पहले भजनलाल शर्मा ने सुबह गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन किए और इसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता के चरण धोकर उनका आशीर्वाद भी लिया. वहीं अब बताया जा रहा है कि भजनलाल शर्मा अब जल्द ही कैबिनेट बैठक कर कुछ अहम फैसले ले सकते हैं.
मालूम हो कि भजनलाल शर्मा पहले CM हैं जिन्होंने अपने जन्मदिन (15 दिसंबर) पर शपथ ली है और वह जयपुर की सीट से जीतकर मुख्यमंत्री बनने वाले भी पहले CM होने जा रहे हैं.
CM की तरह मंत्रीमंडल भी चौंकाएंगा
इधर भजनलाल सरकार बनने के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का भी गठन किया जाएगा. हालांकि शुक्रवार को सिर्फ 3 नेताओं की ही शपथ होगी और इसके कुछ दिनों बाद मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह किया जाएगा. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल में शुरूआती तौर पर 12 से 15 विधायकों को मौका मिल सकता है.
प्रदेश में बीजेपी की सरकार के शुक्रवार को गठन के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद शुरू हो जाएंगी जहां मंत्रिमंडल में चौंकाने वाले नाम शामिल होंगे. माना जा रहा है कि पार्टी के अंदरुनी स्तर पर लगभग नाम सारे तय कर लिए गए हैं और दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद ऐलान किया जाएगा.
हालांकि सूत्रों का कहना है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में गुजरात मॉडल की तर्ज पर ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है जिसके बाद मंत्रियों में अधिकांश नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. इसके अलावा संगठन में काम-काज, उम्र और साफ-सुथरी छवि जैसे मापदंडों के आधार पर भी मंत्री बनाए जा सकते हैं.