अब किसी को टक्कर मारकर भागना पड़ेगा भारी! हिट एंड रन मामलों में हो सकती है 10 साल की जेल
CrPC Amendment Bill: देश के गृहमंत्री ने भारत के कानूनों में बड़ा बदलाव करने की दिशा में लोकसभा में एक प्रस्ताव पेश किया है जिसके मुताबिक अब अंग्रेजों के जमाने के कानून खत्म होंगे. मानसून सेशन के आखिरी दिन केंद्रीय गृहमंत्री की ओर से 163 साल पुराने 3 मूलभूत कानूनों में बदलाव करने के लिए बिल लोकसभा में पेश किया गया.
इन कानूनों में मॉब लिचिंग, रेप और राजद्रोह जैसे कानूनों में बदलाव के साथ ही हिट एंड रन मामलों को लेकर भी अहम बदलाव किए गए हैं जहां अब सड़क दुर्घटना के बाद वाहन चालक मौके से फरार होने के बाद भी बच नहीं सकता है.
शाह की ओर से पेश किए गए नए मसौदे के मुताबिक नए नियमों के मुताबिक हिट एंड रन होने के बाद वाहन चालक को ही पुलिस को सूचना देनी होगी और ऐसा नहीं करने पर वाहन चालक के पकड़े जाने पर उसे कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है. बता दें कि हिट एंड रन मामलों में अक्सर आरोपी की जमानत थाने से हो जाती है जिसके बाद पीड़ित के परिजन थाने और अस्पताल के चक्कर काटते रहते हैं.
कानून में क्या बदलाव किए गए हैं?
शाह की ओर से पेश की गई भारतीय न्याय संहिता 2023 में बताया गया है कि अगर किसी की लापरवाही से किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे में मामलों में आरोपी आसानी से नहीं छूट पाएगा. वहीं आईपीसी की धारा-104 के तहत लापरवाही या जल्दबाजी से हुई किसी मौत के मामले में पहले 2 साल की सजा या जुर्माना दी जाती थी लेकिन अब प्रस्तावित विधेयक में न्यूनतम सजा 7 साल की कैद और जुर्माना देने का प्रावधान किया गया है.
वहीं ऐसे अपराध गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आते हैं ऐसे में अगर घटना के बाद आरोपी वहां से भाग जाता है और पुलिस को जानकारी नहीं देता है तो उसे कैद और नगद जुर्माना दोनों देना पड़ सकता है जहां कैद 10 साल तक की भी हो सकती है. वहीं अब नए बदलाव में नए कोड की धारा 104 में दो मुख्य बदलाव किए गए हैं.
(1) अगर किसी शख्स की लापरवाही से गैर इरादतन हत्या ना होकर कोई और जरिया मौत का कारण बनता है तो उसे 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और इसके अलावा जुर्माना भी वसूला जा सकता है.
(2) वहीं लापरवाही से या गैर इरादतन हत्या जैसा कोई काम नहीं होता है लेकिन किसी की लापरवाही व्यक्ति की मौत का कारण बनती है और आरोपी वहां से भाग जाता है तो उसे बाद में जेल हो सकती है जिसे 10 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है.
लापरवाहों की अब खैर नहीं!
बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में अगर यह बिल संसद में पारित हो जाता है तो लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. वहीं इस प्रस्तावित कानून में लोगों को गाड़ी चलाते समय की गई उनकी लापरवाहियों के लिए जिम्मेदार भी ठहराया जाने का प्रावधान है.