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चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच हिंद महासागर में बढ़ी भारत की ताकत… जानें-INS इंफाल की 10 खासियत

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच भारत की ताकत और मजबूत हो गई है। मंगलवार को आईएनएस इंफाल वॉरशिप भारतीय नौसेना में शामिल हो गया।
07:58 AM Dec 27, 2023 IST | Anil Prajapat
INS Imphal

INS Imphal : नई दिल्ली। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच भारत की ताकत और मजबूत हो गई है। मंगलवार को आईएनएस इंफाल वॉरशिप भारतीय नौसेना में शामिल हो गया। यह वॉरशिप ब्रह्मोस जैसे नए स्टील्थ गाइडेड मिसाइलों से लैस है। रक्षामंत्री राजनाथ सिहं ने आईएनएस इंफाल को मुंबई डॉकयार्ड में कमीशंड किया। यह वॉरशिप नौसेना की पश्चिमी कमान में शामिल हुआ। 

रक्षा मंत्रालय के मुंबई स्थित शिपयार्ड मझगांव डॉकशिप बिल्डर्सलिमिटेड ने इंफाल को बनाया है। आईएनएस इंफाल वॉरशिप सतह से सतह पर मार करने वाली 8 बराक और 16 ब्रह्मोस एंटीशिप मिसाइल, सर्विलांस रडार, 76 MM रैपिड माउंट गन, एंटी सबमरीन टॉरपीडो से लैस है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार मौजूद रहे।

आईएनएस इंफाल का 75% हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी 

आईएनएस इंफाल के निर्माण में स्वदेशी स्टील डीएमआर 249A का इस्तेमाल किया गया है। इसका 75% हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है। आईएनएसइंफाल विशाखापत्तनम कै टेगरी के 4 डिस्ट्रॉयर्स में से तीसरा है, जिसे भारतीय नौसेना के इन- हाउस ऑर्गनाइजेशन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है।

20 अक्टूबर, 2023 को नौसेना को सौंपा गया था आईएनएस इंफाल 

आईएनएस इंफाल की आधारशिला 19 मई, 2017 को रखी गई थी। आईएनएस इंफाल को पोर्ट और समुद्र में टेस्टिंग के बाद 20 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। इंफाल पहला वॉरशिप है, जिसका नाम नॉर्थ ईस्ट के एक शहर पर रखा गया है। मणिपुर की राजधानी का नाम इंफाल है। 

राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल, 2019 को आईएनएस इंफाल नाम रखने की मंजूरी दी थी। आईएनएस इंफाल 28 अप्रैल, 2023 को अपने पहले समुद्री टेस्टिंग के लिए रवाना हुआ था। आईएनएस इंफाल से पहले भारतीय नौसेना में प्रोजेक्ट 15B के तहत बने आईएनएस विशाखापट्टनम को 21 नवंबर, 2021 और आईएनएस मर्मगाओ को 18 दिसंबर, 2022 को कमीशन किया गया था।

जानें- क्यों खास है INS इंफाल

-INS इंफाल की लंबाई 535 फीट लंबाई है। 

-इसका वजन 7400 टन है। 

-वॉरशिप की रफ्तार 57 किमी प्रति घंटा है।

-INS इंफाल 42 दिन समुद्र में रह सकता है।

-आईएनएस इंफाल का 75% हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है।

-इसमें 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं।

-वॉरशिप में 32 बराक और 8 मिसाइलें हैं। 

-यह 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइलों से भी लैस है।

-आईएनएस इंफाल वॉरशिप सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है। 

-यह 8 बराक, सर्विलांस रडार, 76 MM रैपिड माउंट गन, एंटी सबमरीन टॉरपीडो से लैस है।

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