गांव तक पहुंचने के लिए दुर्गम रास्ता– उतरज और शेरगांव की दर्दभरी दास्तां | Sirohi News
अब भी पीछे छूटे हैं कुछ गांव
राजस्थान के कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. उतरज और शेरगांव जैसे दूरस्थ गांवों तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है. यहाँ के निवासी अब भी पगडंडियों, टूटे हुए कच्चे रास्तों और पहाड़ी ढलानों के सहारे अपने गांव तक पहुँचते हैं. बरसात के दिनों में यह रास्ते जानलेवा बन जाते हैं।
उतरज– जहां हर कदम मुश्किल है
उतरज गांव तक पहुँचने के लिए लोगों को कई किलोमीटर तक ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ता है. एम्बुलेंस, स्कूल बस या सार्वजनिक परिवहन तो दूर की बात है, बाइक या साइकिल तक ले जाना मुश्किल हो जाता है।
शेरगांव – जहां विकास की राह रुकी है
शेरगांव की कहानी भी इससे अलग नहीं. यहाँ तक पहुंचने का रास्ता घने जंगल और चट्टानों से होकर गुजरता है. बरसात में रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है. मरीजों को खाट पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है।
विकास की दौड़ में पीछे छूटे ये गांव आज भी इंतज़ार कर रहे हैं – एक ऐसी सड़क का जो उन्हें मुख्यधारा से जोड़ सके।