For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

राहुल नहीं माने तो सोनिया को 2024 तक के लिए किया जाएगा राजी

कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव की घोषणा तो कर दी गई है, लेकिन इनके होने को लेकर आशंका है, क्योंकि यह सब इस पर निर्भर करेगा कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन बनेगा।
09:10 AM Sep 18, 2022 IST | Sunil Sharma
राहुल नहीं माने तो सोनिया को 2024 तक के लिए किया जाएगा राजी

कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव की घोषणा तो कर दी गई है, लेकिन इनके होने को लेकर आशंका है, क्योंकि यह सब इस पर निर्भर करेगा कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन बनेगा। हालांकि पार्टी ने अध्यक्ष के चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की हुई है। पार्टी चुनाव की तैयारी दिखा कर जता भी रही है कि सब कुछ लोकतान्त्रिक तरीके से होगा। अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम की चर्चा भी है, लेकिन इस बीच यह चर्चा भी होने लगी है कि अगर राहुल नहीं मानते हैं तो पार्टी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 2024 तक अध्यक्ष पद के राजी करने की कोशिश करेगी।

Advertisement

सोनिया गांधी अगर तैयार हुई तो फिर उनकी अगुवाई में वरिष्ठ नेताओं की नई टीम बनाई जाएगी। इससे पार्टी को किसी भी पद पर चुनाव नहीं करवाना पड़ेगा। सोनिया और राहुल में किसी एक के राजी होने पर फिर नाराज गुट कोई सवाल भी नहीं उठाएगा, लेकिन यह भी तय है कि अगर पार्टी में अध्यक्ष और कार्यसमिति का चुनाव होता है तो सवाल उठेंगे और चुनौती भी मिल सकती है, क्योंकि अभी तक देश भर में जिनजिन राज्यों में डेलीगेट बनवाए गए हैं, वे पूरी तरह से गांधी परिवार के वफादार माने जा रहे हैं। यही स्थिति गए एआईसीसी डेलीगेट्स की भी है। कहने भर के लिए है कि एआईसीसी डेलीगेट चुनाव से चुने जाएंगे। पार्टी ने पहले से एआईसीसी डेलीगेट की लिस्ट तैयार की हुई है। मतलब गांधी परिवार को फिलहाल पार्टी में कोई चुनौती नहीं है।

यह भी पढ़ें: PCC में परिवारवाद का बोलबाला, नेताओं ने अपने बेटों-रिश्तेदारों को PCC का सदस्य बनाया

नाराज नेताओं को शांत करने की कोशिश पार्टी के चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने सभी आशंकाओ को दूर करने के लिए चुनावों की घोषणा कर नाराज नेताओ को शांत करने का प्रयास किया है। कार्यसमिति का चुनाव अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगा। एआईसीसी डेलीगेट कार्यसमिति के 12 सदस्यों का चुनाव करेंगे। 25 सदस्यीय कार्यसमिति में 12 सदस्यों को अध्यक्ष नामित करेंगे। 22 साल पहले जब सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान संभाली तब से कोई चुनाव नहीं हुए। गैर गांधी के अध्यक्ष बनने पर ही दो बार चुनाव कराए गए।

कार्यसमिति में अकेले असंतुष्ट आनंद शर्मा

इस बार पेच यह है कि अगर गैर गांधी के अध्यक्ष बनने पर कार्यसमिति के चुनाव होते हैं, तो क्या फिर भी सब कु छ गांधी परिवार ही तय करेगा। वैसे भी एआईसीसी डेलिगेटस उसी को वोट करेंगे जो गांधी परिवार के करीब होगा। संके त यही है कि अभी मौजूदा कार्यसमिति के ही अधिकांश सदस्यों की वापसी होगी। गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद के वल आनंद शर्मा ही असंतुष्ट गुट के एक मात्र सदस्य कार्यसमिति में रह गए है। एक अन्य सदस्य मुकु ल वासनिक को पार्टी राज्यसभा से ले आई। हालांकि मध्यप्रदेश का प्रभार छिन जाने से वासनिक दखी हैं।

गैर गांधी अध्यक्ष को ओपन हैंड मिलेगा!

फिलहाल गांधी परिवार को पार्टी में कोई चुनौती अब है नहीं। लेकिन, असल मुद्दा यही है कि एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं और दूसरी तरफ गैर गांधी को कमान सौंपेंगे तो सवाल उठना तय है। इसलिए पार्टी के लिए मौजूदा माहौल में कोई भी फै सला बहुत आसान नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर गैर गांधी अध्यक्ष बना तो क्या उसे ओपन हेंड मिलेगा। गांधी परिवार को पीवी नरसिम्हा राव और सीताराम केसरी का खराब अनुभव रहा है।

.