ICICI Bank-Videocon Loan Case: जेल से रिहा हुआ कोचर दंपति, कोर्ट ने कहा- कानून के तहत नहीं हुई गिरफ्तारी
मुंबई। ICICI बैंक और वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में जमानत मिलने के बाद ICICI बैंक की पूर्व CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को मुंबई में जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि 9 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक को जमानत दे दी थी। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी साझा की है।
ICICI Bank-Videocon Loan Case: कोर्ट ने कही ये बात
अधिकारी ने बताया कि चंदा कोचर को मुंबई के बायकुला महिला कारागार से रिहा कर दिया गया है। साथ ही उनके पति को आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि CBI ने वीडियोकॉन और आईसीआईसीआई बैंक के ऋण धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद कोचर दंपति ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और मनमाना करार देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था। वहीं कोर्ट ने कोचर दंपति को जमानत देते हुए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं की गई है।
CBI ने कोचर दंपति पर लगाए थे ये आरोप
बता दें कि CBI ने दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।
सीबीआई का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रूपए की ऋण सुविधाएं मंजूर की थी।
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शुरूआती जांच के मुताबिक इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रूपए का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल ट्रांसफर की। वहीं पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट और एनआरएल का मैनेजमेंट दीपक कोचर के ही पास था।