भारत को एक और उपलब्धि का इंतजार…पूर्व इसरो चीफ ने बताया-चांद पर कैसे जागेंगे विक्रम-प्रज्ञान?
Chandrayaan-3 : नई दिल्ली। भारत के लिए आज का दिन काफी अहम है। हर कोई चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के नींद से जागने का इंतजार कर रहा है। ये दोनों पिछले दो सप्ताह से चांद पर लेटे हुए है। ऐसे में सभी के मन में एक ही सवाल है कि क्या लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान फिर से एक्टिव होंगे या नहीं। अगर ये दोनों एक्टिव हो जाते हैं तो ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
इसी बीच इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने समझाया कि चांद की सतह पर दो सप्ताह से गहरी नींद में सो रहे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर करीब कैसे नींद से जागेंगे। उन्होंने कहा कि चांद पर रात में तापमान -150 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया होगा। उस तापमान को बर्दाश्त करने के बाद बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और पूरा सिस्टम कैसे सर्वाइव करेगा, यह वास्तव में चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि बेशक, यह सुनिश्चित करने के लिए धरती पर पर्याप्त टेस्ट किए गए हैं कि यह ऐसी स्थिति के बाद भी काम करे। फिर भी हमें इंतजार करना होगा। यह वैसा ही है, जैसे हम फ्रीजर में कुछ देखते हैं और उसका उपयोग करने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने बताया कि सूरज की गर्मी से दोनों उपकरण गर्म होंगे और बैटरियां भी चार्जर होगी। अगर ये दोनों काम सफलतापूर्वक होता है तो सिस्टम फिर से चालू हो जाएगा। अगर एक बार यह चालू हो गया तो इस बात की पूरी संभावना है कि हम अगले 14 दिनों में कुछ और दूरी तक घूम सकते हैं और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह पर ज्यादा डेटा इकट्ठा कर सकते हैं।
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