होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

राजस्थान सरकार का हिल बायलॉज लागू , कल हुई थी हाईकोर्ट में सुनवाई

01:35 PM Apr 20, 2025 IST | Ashish bhardwaj

राजस्थान सरकार ने प्रदेश में नए हिल बायलॉज लागू कर दिए हैं। इसमें पहाड़ी क्षेत्र को बचाने के लिए कई कड़े प्रावधान किए गए हैं। पहाड़ी क्षेत्र को अंधाधुंध तरीके से काटकर रिजॉर्ट, मोटल्स, फार्म हाउस, एम्यूजमेंट पार्क, कैम्पिंग साइट निर्माण अब नहीं हो सकेगा। अभी तक पहाड़ों पर 60 डिग्री स्लोप (ढाल) तक इनके निर्माण की अनुमति थी, लेकिन अब इसका दायरा घटाकर केवल 15 डिग्री तक सीमित कर दिया है। इससे ज्यादा ढलान के पहाड़ी हिस्सा ’नो कंस्ट्रक्शन’ जोन होगा।

पहाड़ी क्षेत्र को तीन श्रेणी बांटा गया
पहाड़ी क्षेत्र को तीन श्रेणी (अ, ब, स) में बांटा गया है। आठ से अधिक और पन्द्रह मीटर ढलान वाले इलाके में निर्माण की ऊंचाई अधिकतम 9 मीटर (भूतल प्लस 1) ही कर पाएंगे। मास्टर और जोनल डवलपमेंट प्लान में भी पहाड़ी क्षेत्रों की श्रेणियों का निर्धारण किया जाएगा। खास यह भी है कि जल स्त्रोतों (नहर, नाला,स्टॉर्म वाटर ड्रेन) से दूरी भी तय कर दी है, जिससे उन्हें प्रभावित होने से बचाया जा सके। भूमि के कुल क्षेत्रफल के 40 प्रतिशत भाग में सघन वृक्षारोपण करना होगा।

कल हाईकोर्ट में सुनवाई, इसलिए छुट्टी के दिन जारी
पर्यटन के नाम पर पहाड़ी क्षेत्र व उसके आस-पास निर्माण होते रहे। इससे उदयपुर, माउंट आबू, राजसमंद, अलवर, चित्तौडगढ़, बांसवाड़ा सहित कई शहरों व आस-पास का पहाड़ी क्षेत्र प्रभावित हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पहाड़ों को काटकर कॉमर्शियल गतिविधि करने से जुड़े मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई है। इसीलिए नगरीय विकास विभाग को छुट्टी के दिन शनिवार को पॉलिसी जारी करनी पड़ी।

Next Article