Global Liveability Index 2023 : दुनिया का सबसे खराब रहने योग्य शहर है कराची
Global Liveability Index 2023 : नई दिल्ली। दुनिया में रहने के लिए सबसे खराब शहर है हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में दरअसल, पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची शहर को दुनिया में रहने के लिए सबसे खराब शहरों में माना गया है। इकॉनमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के ‘ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2023’ में यह बात कही गई है। दुनिया के कुल 172 शहरों में कराची को 168वां स्थान मिला है। कराची से नीचे सिर्फ सीरिया के दमिश्क, लीबिया के त्रिपोली और नाइजीरिया के लागोस को ही जगह मिली है।
हेल्थकेयर, स्थिरता, संस्कृति, पर्यावरण और शिक्षा के इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे 5 बड़े पैमानों के आधार पर यह सर्वे किया गया था। इस सर्वे में शहरों को 1 से 100 तक नंबर दिए गए हैं। 1 का अर्थ है कि यहां रहना ही मुश्किल है और 100 का अर्थ है कि यह शहर रहने के लिए आदर्श जगह है। इंडेक्स में कराची का स्कोर 37.5 रहा है, खासतौर पर स्टेबिलिटी इंडिकेटर में तो 20 नंबर ही मिल पाए हैं।
ये हैं टॉप 10 रहने योग्य शहर
‘ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2023’ की सूची में टॉप टेन में नंबर वन वियना (ऑस्ट्रिया) के बाद यह क्रम है- कोपेनहेगन (डेनमार्क ), मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया), सिडनी (ऑस्ट्रेलिया), वैंकू वर (कनाडा), ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड), कै लगरी (कनाडा), जिनेवा (स्विट्जरलैंड), टोरंटो (कनाडा), ओसाका (जापान) और ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) । इस लिस्ट के टॉप 50 शहर उन देशों के हैं, जो कमोबेश अमीर हैं। इन शहरों की आबादी का घनत्व भी ज्यादा नहीं है।
ये भारतीय शहर भी शामिल
इस सूची में जिन भारतीय शहरों को शामिल किया गया है, उनमें नई दिल्ली और मुंबई 141वें स्थान पर तथा चेन्नई 144वें स्थान पर है, इसके बाद अहमदाबाद और बंगलुरु क्रमशः 147वें व 148वें स्थान पर हैं।
हेल्थकेयर, कल्चर में भी फिसड्डी
पाकिस्तान के तटीय शहर को हेल्थकेयर के मामले में 33 नंबर ही मिले हैं और कल्चर में भी सिर्फ 35 नंबर मिले हैं। हालांकि एजुकेशन में स्थिति कमोबेश बेहतर है और 66 का स्कोर रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में 51 नंबर हैं। इकॉनमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरों में 15 साल पहले के मुकाबले जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। अब शहरों में रहना पहले के मुकाबले बेहतर और आसान हुआ है। इसके बाद भी कराची की यह स्थिति चौंकाने वाली है।
ये खबर भी पढ़ें:-‘संसद में महिलाओं की बढ़ती संख्या सुखद…’ राष्ट्रपति ने कहा- 75 वर्षों में लोकतंत्र और अधिक हुआ मजबूत