होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

G7 2025 Summit: भारत के बिना क्यों है G7 अधूरा, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को नहीं मिला मौका

05:15 PM Jun 17, 2025 IST | Ashish bhardwaj

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंचे गए है। G7 शिखर सम्मेलन विश्व के उन सम्मलेन में शामिल है जो अपनी एक अलग पहचान रखता है। भारत G7 का स्थाई सदस्य नहीं है फिर भी भारत को हर बार बुलाना भारत की राजनीतिक, आर्थिक और भूगोलिक महत्त्व को दर्शाता है। भारत की स्थिति का अनुमान इस बात ले लगा सकते है की इस सम्मेलन में चीन, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों को भी नहीं बुलाया जाता है

G7 मे कौन-कौन से देश हैं शामिल और क्या है G7 का महत्व
G7 यानी ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ दुनिया की 7 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं - फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा और यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होते हैं। विश्व की पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत को पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जा रहा है।

क्यों अहम है G7 सम्मेलन में भारत की भूमिका
पश्चिमी दुनिया को महत्वपूर्ण आर्थिक और भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की जरूरत है। पीएम मोदी लगातार छठी बार जी7 की बैठक में शामिल होंगे। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी भारत है। वैश्विक मामलों पर भारत ने अपना पक्ष हमेशा मजबूती के साथ रखा है। भारत में राजनीतिक स्थिरता की वजह से यह G7 सदस्य देशों के लिए खासी अहमियत रखता है। पिछले कुछ वर्षों में जी7 में भारत की गैर-सदस्य भूमिका काफी विकसित हुई है

भारत को कब मिला G7 से जुडने का मौका
भारत जी 7 का सदस्य नहीं है। लेकिन जी 7 में भारत का दबदबा कितना बढ़ता जा रहा है ये आज फिर से देखने को मिलेगा। अभी तक भारत जी 7 में 11 बार शामिल हो चुका है। भारत को जी 7 बैठक में भाग लेने के लिए पहली बार 2003 में न्यौता मिला था। इसके बाद भारत को विशेष अतिथि के रूप में बार-बार बुलाया गया। लेकिन इस बार यह सम्मलेन कनाडा में आयोजित होने के कारण यह सवाल उठ रहे थे की क्या भारत को इस बार भी सम्मेलन में बुलाया जाएगा। लेकिन कनाडा के आमंत्रण के बाद इस सब बातों पर पूर्ण विराम लग गया। तब मिनिस्टर्स ने कहा था कि भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश है और विश्व की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। ऐसे में भारत को साथ लेकर चलना बहुत जरूरी होगा

क्यों अहम है पीएम मोदी का कनाडा दौरा
खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों में दूरियां आ गयी थी। जिसके चलते भारत ने राजदूत तथा उच्चायुक्तों को भारत छोड़ने के आदेश जारी कर दिए थे, क्योंकि कनाडा ने निज्जर हत्या मामले भारत पर हत्या का आरोप लगाया था।

G7 स

Next Article