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पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिव्यांग बच्चों से की मुलाकात

09:33 AM Apr 19, 2023 IST | Supriya Sarkaar
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिव्यांग बच्चों से की मुलाकात

जयपुर। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम रूढ़िवादी सोच और मानसिकता से बाहर आकर दिव्यांग बच्चों को अपनाएं और इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ कर इनके जीवन में रोशनी लाएं। कोविंद मंगलवार को जयपुर में श्री निर्मल विशेष योग्यजन विद्यालय एवं छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। कोविंद ने संस्थान को ही बच्चों के वास्तविक माता पिता की संज्ञा देते हुए संस्था द्वारा इन विशेष योग्यजन छात्र-छात्राओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किए जा रहे सार्थक प्रयासों और दिए जा रहे प्रशिक्षण को प्रेरणादायी बताया।

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उन्होंने कहा कि अब समाज में विशेष योग्यजन और दिव्यांगों के प्रति रूढ़िवादी सोच में परिवर्तन आ रहा है, जो एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि सही मायने में एक दिव्यांग व्यक्ति के चेहरे पर हंसी लाना मंदिर, मस्जिद एवं गुरुद्वारे में जाने के बराबर है। कोविंद ने विद्यालय एवं छात्रवास में विद्यार्थियों को दिए जा रहे शिक्षण प्रशिक्षण का अवलोकन किया।

लघु नाटक का किया मंचन 

इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार “मित्रता” शीर्षक लघु नाटक द्वारा मुश्किल समय में सबको साथ लेकर चलने और साथ निभाने का सुंदर संदेश दिया गया। समाजसेवी जे.के. वैद्य ने संस्था के लिए ढाई लाख रुपए की सहयोग राशि का चेक प्रदान किया। कार्यक्रम में श्री विवेक विशेष विद्यालय संस्थान एवं छात्रावास के अध्यक्ष आई. सी. श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारी और सामाजिक संस्थानों से जुड़े लोग उपस्थित थे।

कोविंद ने 250 छात्राओं को प्रदान कीं उपाधियां  

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जब कोई महिला शिक्षित होने का ठान ले तो रास्ते में आने वाली बाधाओं का बहादुरी से सामना करती है। कोविंद मंगलवार को ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बार स्वर्ण पदक विजेता बेटियों की संख्या दोगुनी होना बहुत अच्छा संकेत है, ऐसे ही देश विकसित होगा।

इस अवसर पर कोविंद ने 250 छात्राओं को स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधियां प्रदान कीं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डीआईजी सीआईडी सीबी जगदीश शर्मा, पूर्व पुलिस महानिदेशक पी के तिवारी और पद्म विभूषण डॉ. संजय रहे। डीआईजी जगदीश शर्मा ने कहा कि शिक्षा हर एक व्यक्ति के लिए जरूरी होती है और शिक्षा प्राप्त करने में उम्र की कोई सीमा नहीं होती। विश्वविद्यालय के सलाहकार व कार्यकारी अधिकारी वेदांत गर्ग ने छात्राओं से कॅरियर निर्माण के साथ समाज सेवा में भी काम करने की अपील की।

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