इन सरकारी कर्मचारियों से एक रूपए के बदले खाद्य विभाग वसूलेगा 27 रुपए, नोटिस हुए जारी, नहीं देने पर वेतन में होगी कटौती
Khadya Suraksha Yojana: फर्जी तरीके से खाद सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे परिवारों पर अब खाद्य विभाग द्वारा एक्शन लिया जा रहा है. विभाग द्वारा एक रुपए किलो गेंहू लेने वाले हजारों कर्मचारियों से 27 प्रति किलो के हिसाब से पैसे वसूले जाएंगे. इसको लेकर डीएसओ के माध्यम से हजारों किसानों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं. जानकारी के अनुसार खाद्य विभाग योजना में जनाधार लिंक के बाद अब तक 66 हजार कर्मचारियों से 80 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है. शेष कर्मचारियों को अगले महीने डीएसओ के माध्यम से नोटिस जारी किए जाएंगे. खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने सभी सरकारी कर्मचारी स्वेच्छा से अपने नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटा ले, ताकि गरीबों को इसका लाभ मिल सके।
स्वेच्छा से नाम हटाने पर नहीं होगी कार्रवाई
खाद्य विभाग के अनुसार स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाने पर उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी. अभियान के बाद विभाग डीएसओ के माध्यम से अभी तक योजना से जुड़े सरकारी कर्मचारियों को नोटिस देकर वसूली की कार्रवाई करेगा.
खाद्य सुरक्षा योजना 2013 में शुरू हुई तो योजना से जुड़ने के लिए लाखों आवेदन आए. इसमें बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल थे. चुनावी समय नजदीक होने के कारण राजनीतिक दबाव में पर्याप्त जांच नहीं होने से बडी संख्या में नाम जुड़ गए. जिसके बाद गहलोत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों से वसूली की कार्रवाई शुरू की. अब बीजेपी सरकार आने के बाद खाद्य विभाग द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. हालांकि विभाग के आदेश के बाद कुछ कर्मचारी अभी भी वसूली से बचने की जुगत में लगे हुए हैं.
वेतन से होगी वसूली
खाद्य विभाग के अनुसार उन सभी कर्मचारियों से वसूली की जाएगी जो इस योजना के लिए अपात्र हैं. कई जगह अभी भी गरीबों को मिलने वाले गेंहू को सरकारी कर्मचारी और अधिकारी फर्जी तरीके से उठा लेते हैं. विभाग के अनुसार नोटिस के बाद अगर सरकारी कर्मचारी राशि जमा नहीं करता राशि जमा नहीं करता है तो उसकी वेतन से वह राशि काटी जा सकती है.
इनके नाम भी हटाए जाएंगे
खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने चौपहिया वाहन मालिक और आयकर दाताओं का खाद्य सुरक्षा सूची से नाम हटाने का फैसला लिया है. इसके लिए परिवहन विभाग और आयकर विभाग से ब्यौरा मांगा है. परिवहन विभाग से ट्रेक्टर और कॉमर्शियल श्रेणी छोड़कर सभी चौपहिया वाहन मालिकों के आधार कार्ड का ब्यौरा मांगा है तथा आयकर विभाग से इन्कम टैक्स देने वालों की सूची मांगी है.