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Rajasthan Politics: 'हम ही थे जो दीवाली में घर छोड़…' गौरव वल्लभ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता ने लिखा भावुक पत्र

05:58 PM Apr 06, 2024 IST | Sanjay Raiswal
rajasthan politics   हम ही थे जो दीवाली में घर छोड़…  गौरव वल्लभ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता ने लिखा भावुक पत्र

Rajasthan Politics: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। गौरव वल्लभ कांग्रेस छोड़ने के कुछ घंटों बाद गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए। गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते। ऐसे में पार्टी में बने रहना मुश्किल है। गौरव वल्लभ के भाजपा में शामिल होने पर उदयपुर में माहौल गरमाया हुआ है।

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सबसे लंबे समय 17 साल तक मुख्यमंत्री रहने वाले कांग्रेस नेता मोहनलाल सुखाड़िया के पोते दीपक सुखाड़िया ने गौरव वल्लभ को पत्र लिखा है। दीपक सुखाड़िया अभी उदयपुर कांग्रेस उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने गौरव वल्लभ के आरोपों का जवाब दिया है।

गौरव वल्लभ ने इसलिए थामा बीजेपी का दामन

बता दें कि गौरव वल्लभ हाल ही में उदयपुर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गए थे। कांग्रेस छोड़ने पर उदयपुर में गौरव वल्लभ पर निशाना साधा जा रहा है। इसके बाद से ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया था और गुरुवार उन्होंने पार्टी को अलविदा कहते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे।

गौरव वल्लभ ने सोशल मीडिया X पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे को भेजे इस्तीफे की फोटो शेयर कर पोस्ट लिखा था। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा था कि 'मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं। बताना चाहता हूं। मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं जिससे दूसरे को कष्ट पहुंचे। फिर भी आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं। मुझे लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है। आपणों उदयपुर, आपणों गौरव का नारा 65,000 मतदाताओं ने आपके पक्ष में दिया था।

सुनिश्चित किया था हम जैसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जिनको आपसे उम्मीद थी। उम्मीद थी की हमारा विधायक होगा। उम्मीद थी की बहुत वर्षों बाद हमारी भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान होगी। उम्मीद थी उदयपुर का विकास नई सोच के साथ होगा. अफसोस ऐसा हो न सका। हार जीत चुनाव के दो पहलू हैं। हार के बावजूद हम पिछले कुछ महीने से आपकी राह तक रहे थे।'

अब उदयपुर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने दिया जवाब

उदयपुर कांग्रेस उपाध्यक्ष दीपक सुखाड़िया ने कहा कि आपके त्याग पत्र के बाद सारी उम्मीदें हवा हो गईं। शीर्ष नेतृत्व ने स्थानीय नेताओं के हक को नजरंदाज कर आप पर विश्वास जताया। हम सब पार्टी हाई कमान का आदेश मान कर आप के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चले लेकिन हमारे साथ न्याय नहीं हुआ। हम ही थे जो दीपावली में घर छोड़ कर आपके साथ वोट मांगने निकले थे। हम ही थे जिस ने पलक-पावडें बिछा कर खुले मन से एक शिक्षित युवा को विधायक के रूप में देखा था। कांग्रेस ने आप को बहुत मौके दिए।

इतने कम समय में कहां किसे इतने पद और अवसर मिलते हैं? कांग्रेस कब से सनातन विरोधी हो गई। कब सनातन के खिलाफ नारे लगवाए? कांग्रेस ने कब उद्योगपतियों के योगदान को नकारा है? नकारा है तो सिर्फ अनुचित लाभ और सरकारी संरक्षण पाने वालों को। खैर जाने दीजिये, बातें बहुत हैं। गिले शिकवे होते रहेंगे और बांतें बनती बिगड़ती रहेंगी। आप से हम उदयपुर वासी वैसे भी ज्यादा नाराज नहीं रह सकते हैं।'

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