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Ekal Patta Case: क्या बढ़ने वाली हैं पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की मुश्किलें! राजस्थान हाईकोर्ट में कल सुनवाई, जानिए पूरा मामला

04:53 PM Feb 09, 2025 IST | Nizam Kantaliya
ekal patta case  क्या बढ़ने वाली हैं पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की मुश्किलें  राजस्थान हाईकोर्ट में कल सुनवाई  जानिए पूरा मामला

Ekal Patta Case: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में हुए भ्रष्टाचार के मामले में सोमवार को राजस्थान सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट की जयपुर पीठ में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा के जरिए राजस्थान सरकार कि ओर से पेश कि गयी याचिका में इस मामले की फिर से व्यापक जांच की अनुमति मांगी गयी है. सोमवार को दोपहर 3.30 बजे मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव इस मामले की सुनवाई करेंगे. मामले कि सुनवाई के लिए ही विशेष रूप से मुख्य न्यायाधीश की एकलपीठ गठित कि गयी है.

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दोषपूर्ण क्लोजर रिपोर्ट, निष्पक्ष जाचं की मांग

हाईकोर्ट में दायर कि गयी याचिका में राजस्थान सरकार ने पुलिस द्वारा पेश कि गयी क्लोजर रिपोर्ट को दोषपूर्ण बताया है. सरकार ने दोषपूर्ण क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स, जिनके आधार पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य को बरी कर दिया गया था वह अधूरी और दोषपूर्ण साक्ष्य जांच पर आधारित थीं. सरकार ने याचिका में कहा है कि उसने नई जांच की मांग के साथ ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश निगरानी याचिका को वापस ले लिया है और ट्रायल कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया जिसमें अभियोजन को वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था.

याचिका में सरकार ने कहा है कि इस मामले के रिव्यू के लिए जस्टिस आरएस राठौड़ की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने समीक्षा की है जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर खामियों को उजागर किया. रिपोर्ट में कहा गया कि क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी. जिससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई. राजस्थान सरकार ने अब इन प्रक्रियात्मक त्रुटियों को सुधारने और भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना तय करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

तुषार मेहता और एस वी राजू कल आयेंगे जयपुर

राजस्थान हाईकोर्ट में दायर कि गयी याचिका की सुनवाई के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के सबसे बड़े विधि अधिकारी यानी कि देश के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को जिम्मेदारी दी है. तुषार मेहता के साथ एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू, सुप्रीम कोर्ट में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा और जयपुर पीठ के विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा सरकार का पक्ष रखेंगे

सिब्बल, सिंघवी, चिदंबरम और खुर्शीद

दूसरी ओर से इस मामले में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल कि ओर से देश के चार मशहूर वकील पैरवी करेंगे. अब तक मिली जानकारी के अनुसार पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम, वरिष्ठ वधिवकता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद शांति धारीवाल की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर पीठ में पैरवी करेंगे.

इस मामले में पक्षकार बने आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक की ओर से एडवोकेट आशीषकुमार सिंह और वागीश कुमार सिंह पैरवी करेंगे.

क्या है एकल पट्टा प्रकरण

पूर्व मुख्यमंत्री वसु्धंरा राजे के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2013 में पहली बार एकल पट्टा प्रकरण सामने आया था. रामशरण सिंह ने एसीबी में परिवाद देकर शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि जून 2011 में जेडीए की ओर से गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया एकल पट्टा नियम विरुद्ध है। इसे राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। दिसंबर 2014 में एसीबी में एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग सहित कई अफसरों के खिलाफ जांच शुरू हुई थी.

इस मामले में तत्कालीन एसीएस जीएस संधू समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. एसीबी ने इस मामले में शांति धारीवाल से भी पूछताछ की थी. एसीबी की दो क्लोजर रिपोर्ट को एसीबी कोर्ट ने खारिज करते हुए 18 अप्रैल 2022 को कुछ बिंदुओं पर डीआईजी स्तर के अधिकारी से जांच कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एसीबी की ओर से 19 जुलाई 2022 को तीसरी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई थी। इसमें भी एसीबी ने एकल पट्टा प्रकरण में किसी भी तरह अनियमितताएं नहीं पाई थीं.

हाईकोर्ट का आदेश और धारीवाल को राहत

एसीबी की रिपोर्ट के खिलाफ परिवादी ने अदालत में शांति धारीवाल को भी आरोपी बनाने का प्रार्थना पत्र पेश किया. इस प्रार्थना पत्र के खिलाफ धारीवाल ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी. जिस पर हाईकोर्ट ने धारीवाल को राहत देते हुए 15 नवंबर 2022 को एसीबी कोर्ट में चल रही प्रोटेस्ट पिटिशन सहित अन्य आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया.

सरकार की किरकिरी और यू टर्न और शर्मा की नियुक्ति

तत्कालिन अशोक गहलोत सरकार में एसीबी ने मामले में दायर तीनों क्लोजर रिपोर्ट में पूर्व आईएएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सैनी को क्लीन चिट दे दी थी. वही शांति धारीवाल का कही नाम शामिल नहीं किया.

लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्तमान भजनलाल सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में 22 अप्रैल 2024 को जवाब पेश करते हुए धारीवाल सहित अन्य सभी लोगों को क्लीन चिट दे दी. बाद में जब इस मामले में सरकार के भीतर ही आलोचना होने पर ना केवल पुलिस अधिकारी को एपीओं किया गया बल्कि सुप्रीम कोर्ट में यूटर्न लेते हुए नया जवाब पेश किया गया.

नए एफिडिवेट में सरकार ने अपने 22 अप्रैल 2024 के जवाब का गलत बताया और कहा कि उसमें वरिष्ठ अधिकारियों और एएजी से सलाह नहीं ली गई थी. सरकार ने मामले से जुड़े केस अधिकारी से लेकर एडवोकेट तक बदल दिए.

इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने इस मामले की पैरवी के लिए विशेष रूप से अ​​तिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा को जिम्मेदारी दी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने शांति धारीवाल और जेडीए के तीन पूर्व अधिकारियों को झटका देते हुए हाईकोर्ट के आदेशों को रद्द कर दिया, जिसमें एकल पट्टा प्रकरण में आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट को इस मामले में फिर से सुनवाई करने निर्देश देते हुए 6 माह में इसकी सुनवाई पूर्ण कर फैसला करने के निर्देश दिए.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव ने विशेष रूप से इस केस के लिए खुद की एकलपीठ गठित की है. सोमवार को दोपहर 3.30 बजे मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव खुद इस मामले की सुनवाई करेंगे.

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