Delhi Accident : अब छठा आरोपी भी गिरफ्तार, कार का है मालिक, आरोपियों को बचाने में की थी मदद
Delhi Accident : दिल्ली के कंझावला मामले में अब एक और छठा आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। आरोपी का नाम आशुतोष है। जिसकी कार से ही इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने बताया है कि लड़की को कार से घसीटने के बाद कार में बैठे अमित ने ही आशुतोष और अंकुश खन्ना को फोन कर बचने के तरीका पूछा था। हालांकि अभी अंकुश खन्ना को पकड़ा नहीं जा सका है। पुलिस अंकुश की तलाश में है।
आशुतोष की ही थी वारदात में लाई गई कार
दरअसल अमित खन्ना पर आरोप है कि वारदात के दौरान कार वही चला रहा था। अमित, सातवें आरोपी अंकुश खन्ना का भाई है। अंकुश और आशुतोष आपस में दोस्त हैं। इसलिए वे आशुतोष की बलेनो कार लेकर न्यू ईयर की पार्टी करने गए थे। आरोप है कि अंजलि को कार से घसीटने के बाद जब उसकी मौत हो गई तो आरोपियों ने आशुतोष और अंकुश को फोन कर पूरी घटना बताई और बचने के रास्ते के बारे में पूछा। इस पर अंकुश और आशुतोष ने उनके लिए ऑटो की व्यवस्था कर भेजा जिससे आरोपी फरार हो गए।
सबूतों से भी की थी छेड़छाड़
दूसरी तरफ ये जानकारी भी सामने आई है कि अंकुश और आशुतोष ने वारदात के सबूतों से भी छेड़छाड़ कर उन्हें मिटाने की कोशिश की थी। बता दें कि बीते गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने पांचों आरोपियों को 4 दिन की रिमांड में भेजा था। अब नौ जनवरी को उनकी कोर्ट में पेशी होगी।
दो जिलों के बीच घटना होने से पुलिस जिम्मेदारी से झाड़ती रही पल्ला
इधर पुलिस की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि जिस परिधि में अंजलि को कार से घसीटा गया। उस 12 किमी के दायरे में 3 पुलिस चौकी पड़ती है और हर पुलिस चौकी के पास 3 PCR वैन थीं लेकिन मामला दिल्ली के दो जिलों में पड़ने से पुलिस ने इस मामले में लापरवाही दिखाई जिसकी कीमत अंजलि को इस दर्दनाक मौत से चुकनी पड़ी। दरअसल अंजलि को सुल्तानपुरी से रोहिणी तक घसीटा गया था।
इस पूरे मामले में पुलिस ने यह भी पाया कि अगर पीसीआर वैन को जिला पुलिस से नहीं जोड़ा गया होता तो शायद PCR वैन और पुलिस थाने अंजलि को बचा सकते थे। लेकिन दोनों ही जिलों की पुलिस ने कार का पीछा करने और अंजलि को बचाने की तत्परता इसलिए नहीं दिखाई। क्योंकि उन्होंने दूसरे जिलों पर जिम्मेदारी लेने के चक्कर में अपना पल्ला झाड़ना ज्यादा जरूरी समझा।