होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

कोविड 19: जेएन.1 वैरियंट के तीन राज्यों में मिले 21 नए मामले

देशभर में कोविड-19 के उपस्वरूप जेएन.1 के 20 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 19 मामले गोवा में दर्ज किए गए जबकि केरल तथा महाराष्ट्र में एक-एक मामला सामने आया है। केंद्र सरकार ने देश में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी और नए जेएन.1 स्वरूप के सामने आने के बीच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निगरानी बनाए रखने के लिए कहा है।
09:05 AM Dec 21, 2023 IST | BHUP SINGH

नई दिल्ली। देशभर में कोविड-19 के उपस्वरूप जेएन.1 के 20 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 19 मामले गोवा में दर्ज किए गए जबकि केरल तथा महाराष्ट्र में एक-एक मामला सामने आया है। केंद्र सरकार ने देश में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी और नए जेएन.1 स्वरूप के सामने आने के बीच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निगरानी बनाए रखने के लिए कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख ने बुधवार को देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा की और कोरोनो वायरस के उभरते स्वरूपों के प्रति सतर्क रहने पर जोर दिया।

तीन राज्यों में बढ़ी संक्रमण दर

देश में केरल, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक जैसे कु छ राज्यों में दैनिक संक्रमण दर में वृद्धि देखी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार,देश में 21 मई के बाद एक दिन में सबसे अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के 614 नए मामले दर्ज किए गए।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के ‘जेएन.1’ स्वरूप के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है।

यह खबर भी पढ़ें:-फर्जी सिम लेने पर 3 साल जेल और 50 लाख तक का जुर्माना! टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 लोकसभा में पास

सतर्क रहने की जरूरत है: मांडविया

मांडविया ने राज्यों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने राज्यों से कोविड-19 के नए मामलों, लक्षणों और उनकी गंभीरता पर निगाह रखने का अनुरोध किया ताकि उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की योजना बनाई जा सके।

परीक्षण में तेजी लाएं राज्य

बैठक केदौरान राज्यों और कें द्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया कि वे परीक्षण में तेजी लाएं और कोविड के नमूने और निमोनिया जैसी बीमारियों के नमूनों को जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं में भेंजे ताकि समय रहते नए स्वरूप का पता लगाया जा सके। अस्पताल की तैयारियों केलिए ‘मॉक ड्रिल’ करना, निगरानी बढ़ाना और लोगों से बातचीत जरूरी है।

सभी अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ का निर्देश

उन्होंने हर तीन माह में सभी अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ करने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही राज्यों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि त्योहारों से पहले सर्दी के मौसम में एहतियाती कदम उठाए जाएं।

यह खबर भी पढ़ें:-क्या सच में खतरनाक है कोरोना का नया वेरिएंट JN.1? WHO का इस पर क्या है कहना, पढ़िए

Next Article