देश की सबसे बड़ी रिकवरी….कांग्रेस सांसद साहू के घर मिला 354 करोड़ कैश, नोट गिनने में लगे 5 दिन
Dhiraj Sahu : नई दिल्ली। देश के तीन राज्य झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सांसद धीरज साहू के 9 ठिकानों पर चल रही आयकर छापेमारी रविवार देर रात खत्म हो गई है। साथ ही ओडिशा में मिले नोटों की गिनती भी देर रात पूरी हो चुकी है। साहू के ठिकानों पर लगतार 5वें दिन चली छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को कुल 354 करोड़ रुपए मिले हैं। यह देश के इतिहास में सबसे बड़ी कैश रिकवरी है।
बोलांगीर स्टेट बैंक में गिनती करा रहे बैंक के रीजनल हेड भगत बेहेरा ने कहा कि 176 बैग की गिनती रविवार देर रात पूरी हो चुकी है। इनमें 305 करोड़ कैश मिला है। वहीं, टिटलागढ़ में साहू ब्रदर्स के पार्टनर दीपक साहू व संजय साहू के आवास से 11 करोड़, संबलपुर में बलदेव साहू संस एंड ग्रुप कंपनीज की शराब भट्टी से 37.50 करोड़ रुपए मिले हैं। इन नोटों की गिनती संबलपुर स्टेट बैंक में चल रही थी, शनिवार देर रात खत्म हो गई थी। इधर, आयकर सूत्रों के अनुसार लोहरदगा स्थित आवास से 11 करोड़ और रांची से तीन करोड़ रुपए मिले हैं।
बता दें कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू के साहू ग्रुप पर टैक्स चोरी का आरोप है। इसी सिलसिले में 6 दिसंबर को आयकर विभाग ने तीन राज्यों में 9 ठिकानों पर एक साथ रेड डाली थी। इस दौरान नोटों से भरी 10 अलमारियों मिली थी। जिनमें 500, 200, 100 और 50 रुपए के नोट ठूंस-ठूंसकर भरे हुए थे। इतना सारा कैश देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए थे। नोटों की गिनती के लिए मशीनें मंगवाई गई थी। लेकिन, दो मशीन गिनती के समय खराब हो गई थी।
5 दिन तक 24 घंटे नोटों की गिनती
अधिकारियों ने बताया कि नोटों को कुल 176 बैगों में भरा गया और बैग में रखे कैश की गिनती शुरू की गई। कैश की गिनती के काम में आयकर विभाग और विभिन्न बैंकों के 80 अधिकारियों की 9 टीमें लगातार 5 दिन तक जुटी रही। इन्होंने 24 घंटे की शिफ्ट में काम किया। सुरक्षा कर्मियों, ड्राइवरों और अन्य कर्मचारियों समेत 200 अधिकारियों की एक और टीम तब शामिल हुई जब कर अधिकारियों को कुछ अन्य स्थानों के अलावा नकदी से भरी 10 अलमारियां मिली थी। 40 मशीनों के जरिए कैश की गिनती की गई है। नोटों की गिनती के बाद अब मशीनों को बैंकों में वापस भेज दिया गया है और सामान्य बैंकिंग कामकाज हो चुका है।
कहां रखा जाएगा जब्त किया गया पैसा?
गिनती पूरी होने के बाद अब नकदी को स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में बक्सों में सील कर दिया गया है। फिर कैश को एसबीआई शाखा में ले जाया जाता है। वहां इसे एजेंसी के पर्सनल डिपॉजिट (पीडी) खाते में जमा किया जाएगा। बाद में नकदी को केंद्र सरकार के खजाने में ट्रांसफर किया जाएगा। खास बात यह है कि नकदी का इस्तेमाल सिर्फ अदालत में मामला समाप्त होने के बाद ही किया जा सकता है। मामला विचाराधीन होने तक न तो ईडी, न बैंक, न ही सरकार को किसी भी उद्देश्य के लिए धन का इस्तेमाल करने का अधिकार होता है।
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