भारत जोड़ो यात्रा की दूसरी किश्त…3000 KM फिर चलेंगे राहुल, टारगेट पर 10 लोकसभा और 60 विधानसभा सीटें
(कनिका कटियार) नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का पार्ट-2 जल्द ही शुरू होगा जहां इस बार यात्रा के ज़रिए कांग्रेस दक्षिण के राज्यों को टारगेट करने की रणनीति बना रही है. जानाकारी के मुताबिक चुनावी माहौल को देखते हुए राहुल गांधी की इस यात्रा को तैयार किया जा रहा है जहां कांग्रेस यात्रा के ज़रिए इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव का रोड मैप तैयार कर रही है.
दरअसल भारत जोड़ो यात्रा का रूट मैप पार्टी ने लगभग तैयार कर लिया है और यात्रा की शुरूआत पोरबंदर से शुरु होकर अगरत्तला त्रिपुरा तक की जा सकती है. वहीं यात्रा में इस बार ख़ास बात यह है कि यात्रा राजस्थान की 10 लोकसभा और 50 से अधिक विधानसभा सीटों को फोकस करते हुए गुजरेगी.
बताया जा रहा है कि यात्रा 15 अगस्त या 2 अक्टूबर से शुरू हो सकती है जहां पूरी यात्रा का रूट करीब 3,400 से 3,600 किलोमीटर लंबा होगा और राजस्थान में यात्रा इस बार कम से कम तीन से चार जिलों के करीब 300 किलोमीटर का एरिया कवर करेगी.
राजस्थान के 5 जिलों से गुजरेगी यात्रा
बताया जा रहा है कि राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश होकर आगे त्रिपुरा की ओर यात्रा निकाली जा सकती है जहां राहुल गांधी की यात्रा पहले 4000 किमी तक निकली थी और इस बार यात्रा का समय लगभग 4 महीने का तय किया जाएगा. हालांकि अभी यात्रा की तारीख तय नहीं की गई है लेकिन कांग्रेस के कई लीडर ने 15 अगस्त और कई नेताओं ने 2 अक्टूबर का सुझाव दिया है.
वहीं यात्रा की कुल दूरी 3500 किमी से 4000 किमी तक हो सकती है. इधर राजस्थान के लिहाज़ से देखें तो यात्रा लगभग 300 से 400 किमी तक राजस्थान के कम से कम चार से पांच जिलों से गुजरेगी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का इंतज़ार कर रही है इसलिए यात्रा को लेकर कोई औपचारिक ऐलान अभी नहीं किया गया है.
वहीं य़ात्रा में राजस्थान के दक्षिणी जिलों को यात्रा के रूट मैप में शामिल किया जाएगा जहां उदयपुर, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और दक्षिणी पूर्वी राजस्थान के प्रतापगढ़ , झालावाड़, बारां अन्य को भी शामिल किया जा सकता है.
चुनावी लिहाज से अहम यात्रा
वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है की पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में यात्रा को अंतिम रूप दिया जाएगा. वहीं कांग्रेस के बड़े नेताओं का कहना है कि इस बार यात्रा में हर राज्यों के स्थानीय फैक्टर और मुद्दों को महत्व दिया जाएगा. इसके अलावा राहुल ने पिछली यात्रा में राजस्थान के सरकार की तमाम योजनाओं का ज़िक्र किया था जिसके बाद राजस्थान में वो योजनाएं लागू की गई और ज़मीन में उसका प्रभाव भी देखने को मिला है.