संविधान से हटा दिए गए हैं 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट शब्द, कांग्रेस का मोदी सरकार पर गंभीर आरोप
Parliament Special Session: देश की नई संसद का गणेश चतुर्थी के दिन बीते मंगलवार को श्री गणेश हो गया जिसके बाद लोकसभा में पहले दिन की कर्रवाई में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया. बिल पर आज लोकसभा में बहस की शुरूआत होने जा रही है लेकिन इस बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है जहां कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने संसद में दी गई संविधान की कॉपी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं.
इन दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने दावा किया है कि उन्हें कल जो संविधान की कॉपी मिली है उसमें से 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द को हटा दिया गया है. चौधरी ने कहा कि सरकार ने संविधान की नई कॉपी से बड़ी चालाकी के साथ इन दो शब्दों को हटाया है. वहीं कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भी कहा कि संविधान की नई कॉपी की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द नहीं है.
संविधान से हटाए गए 2 शब्द!
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाए हैं कि नई संसद में मिली संविधान की कॉपी में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नहीं है. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि संविधान की जो नई प्रतियां हमें दी गईं, उसकी प्रस्तावना में 'सोशलिस्ट सेक्युलर' शब्द गायब थे.
चौधरी ने कहा कि ये शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जुड़े थे लेकिन मौजूदा दौर में इन शब्दों का गायब होना गहन चिंता का विषय है. सांसद ने कहा कि सरकार ने यह काम बड़ी ही चालाकी से किया है और मंगलवार को मैंने इस मुद्दे को संसद में उठाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया.
हालांकि दोनों ही सांसदों के आरोपों पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का कहना है कि नई संसद में सभी सांसदों को संविधान की मूल कॉपी ही दी गई है और हर तरह के आरोप निराधार है.
TMC सांसद के भी गंभीर आरोप
वहीं इधर टीएमसी सांसद डोला सेन ने ऐसे ही आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दी गई संविधान की नई कॉपी से सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द हटा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने संविधान की कॉपी में इतना बड़ा बदलाव बिना किसी चर्चा के कर दिया. वहीं डोला सेन ने मोदी सरकार को संविधान विरोधी भी बताया.