अब कर्नाटक में भी लागू होगा 'राजस्थान मॉडल' ! सीएम अशोक गहलोत ने कहा- लागू करेंगे सभी योजनाएं
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार करने पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज बेंगलुरु में अपनी सरकार के कामकाज और योजनाओं का जमकर बखान किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम, चिरंजीवी योजना,राइट टू हेल्थ कानून, मनरेगा, शहरी रोजगार गारंटी योजनाजैसी योजना किसी राज्य में नहीं है।
बेंगलुरू स्थित कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चिरंजीवी योजना में 25 लाख का बीमा किया है और 10 लाख का दुर्घटना बीमा रखा है। ऐसी योजना देश के किसी भी राज्य में नहीं है। मनरेगा और शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन का रोजगार हमने लोगों को दिया है।ओल्ड पेंशन स्कीम हमने राजस्थान में फिर से लागू की है।हिमाचल प्रदेश छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू किया है और दूसरे राज्य अनुसरण कर रहे हैं।
सोशल सिक्योरिटी पर बनना चाहिए कानून
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर हमने मुद्दा बनाया हुआ है। सोशल सिक्योरिटी पर कानून बनना चाहिए, इसके लिए हम लगातार केंद्र सरकार से भी मांग कर रहे हैं देश में हर व्यक्ति को सोशल सिक्योरिटी मिलनी चाहिए। हम सोशल सिक्योरिटी सम्मान राशि के तौर पर वृद्धावस्था पेंशन दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि देश में राइट टू हेल्थ कानून बनाने वाला राजस्थान अकेला राज्य है हालांकि इसे लेकर निजी चिकित्सकों ने हड़ताल की थी लेकिन हमने उनसे बातचीत करके समस्या को सुलझा लिया है लेकिन देश में स्वास्थ्य और शिक्षा का अधिकार सबको मिलना चाहिए।
राजस्थान की योजनाओं को कर्नाटक में लागू करेंगे
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की 40 परसेंट की सरकार से जनता त्रस्त है। कर्नाटक में कांग्रेस के पक्ष में माहौल है और यहां कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने जा रही है जो योजनाएं हम राजस्थान में चला रखी है उन्हें कर्नाटक में भी लागू करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश भी कह चुके हैं कि राजस्थान सभी राज्यों के लिए मॉडल स्टेट है।
उज्जवला योजना में हम 500 रुपए में गैस सिलेंडर दे रहे हैं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना को शुरू कर दी लेकिन लोगों के पास सिलेंडर भरवाने के 1100 रुपए नहीं है। हमने उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर दे रहे हैं।
अन्ना आंदोलन को मुख्यमंत्री ने बताया प्रायोजित
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2013 में हुए अन्ना आंदोलन को प्रायोजित करार देते हुए कहा कि अन्ना हजारे आंदोलन यूपीए सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया षड्यंत्र था। अन्ना हजारे और आरएसएस ने मिलकर यह षड्यंत्र किया था। आज तक भी 2G स्पेक्ट्रम और कोलगेट घोटाले साबित नहीं हो पाए।
जनता से किए वादों को जुमले बताएं
मुख्यमंत्री गहलोत ने बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की जनता ने दो बार नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया लेकिन भाजपा और नरेंद्र मोदी ने जो वादे जनता से किए थे उन्हें जुमले बता दिया। न तो हर साल दो करोड़ दिए और न ही 15 लाख रूपके लोगो के खाते में आये।
बाद में उन्हें जुमले बता दिया गया लेकिन हम जो वादे जनता से करते हैं उन्हें पूरा करते हैं हमारे वादे बीजेपी की तरह जुमले नहीं होते हैं।
हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए चुनी हुई सरकारे गिराई
अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में फर्क होता है। बीजेपी कभी भी काम के आधार पर वोट नहीं मांगती है इन्होंने तो केवल चुनी हुई सरकारों को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए गिराने की योजना बना रखी है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए हुए चुनी हुई सरकारों को गिराया गया। राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया लेकिन वहां इनका एजेंडा फेल हो गया।
पार्टी में छोटे-मोटे मतभेद होते रहते हैं
राजस्थान में सचिन पायलट विवाद और कर्नाटक में डीके शिवकुमार विवाद को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टियों में छोटे-मोटे मतभेद होते रहते हैं, इन्हें बैठकर सुलझा लिया जाएगा लेकिन राजस्थान भाजपा नेताओं में तो मतभेद इस प्रकार से हैं कि जिनका दूसरा उदाहरण कहीं और राज्य में नहीं मिलता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा किया है कि कर्नाटक में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी।
राहुल गांधी की लोकप्रियता से घबरा गई थी बीजेपी
मुख्यमंत्री गहलोत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर कहा कि केंद्र सरकार और बीजेपी राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गई थी। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी को खूब लोकप्रियता मिली राहुल गांधी ने जो बयान दिया था उस पर उन्हें संसद में बोलने का मौका नहीं दिया गया और आनन-फानन में कोई दूसरा केस खुलवा कर उन्हें कोर्ट के जरिए 2 साल की सजा दिला दी और अपील से पहले ही उनकी संसद सदस्यता समाप्त करके घर खाली कराने के आदेश भी दे दिए। संसदीय परंपराओं में इस तरह का उदाहरण पहले कभी नहीं देखने को मिला।